Highlights
- प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहले मोदी जी शेर से खेलते थे जो दहाड़ता है।
- अब वह चीते पर उतर आए हैं जो कि म्यांऊ म्यांऊ करता है: प्रमोद तिवारी
- तिवारी ने कहा कि मोदी जी के हाथों अर्थव्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है।
प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन पर शनिवार को उन्हें बधाई देते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने उन पर तंज भी कस दिया। तिवारी ने कहा कि ‘पहले मोदी जी शेर से खेलते थे जो दहाड़ता है, मेक इन इंडिया में वह शेर लेकर आए, लेकिन अब वह चीते पर उतर आए हैं जो कि म्यांऊ म्यांऊ करता है।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का शेर से चीते तक का सफर यही बताता है कि उनके हाथों अर्थव्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है।
‘मोदी जी की आवाज दब गई है’
सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘मोदी जी पहले शेर से खेलते थे, लेकिन इस जन्मदिन पर वह चीते पर उतर आए। शेर और चीते में एक ही फर्क है। शेर गरजता है, चीता म्यांऊ म्यांऊ करता है। यह दिखाता है कि मोदी जी के हाथों अर्थव्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है। इसकी वजह से उनकी आवाज भी दब गई, गुर्राहट भी खत्म हो गई और उनकी ठसक भी उतर आई है। उनके शेर से चीते तक का सफर यही कहानी कहता है।’
‘गरीब के बेटे-बेटियां नहीं पढ़ पाएंगे’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। कांग्रेस नेता तिवारी ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि को लेकर चल रहे छात्र आंदोलन पर कहा कि एक समय पूरब का ऑक्सफोर्ड कहलाने वाले इस यूनिवर्सिटी से बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी निकलते थे और आज यहां का फंड कहीं और उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फीस में 400 प्रतिशत की वृद्धि से गरीब के बेटे-बेटियां नहीं पढ़ पाएंगे।
लखीमपुर केस पर भी बोले तिवारी
लखीमपुर खीरी में 2 दलित लड़कियों के साथ कथित रेप की घटना पर उन्होंने कहा, ‘दलित वर्ग की 2 बेटियों का दिन दहाड़े अपहरण कर उनके साथ रेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। इतनी बड़ी सिलसिलेवार घटना हुई, उस समय बुल्डोजर कहां था, इस सरकार का अपराधियों में खौफ कहां था।’ उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाए। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि एक महीने में फास्ट ट्रैक कोर्ट में इसका फैसला हो।