Highlights
- गोरखपुर के चिड़ियाघर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ
- शहीद अशफाक उल्ला खान जूलॉजिकल पार्क में योगी
- योगी ने तेंदुए के शावक को दूध पिलाया और दुलार किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान जूलॉजिकल पार्क पहुंचे। यहां पहुंच सीएम योगी आदित्यनाथ ने तेंदुए के शावक को दूध पिलाया और दुलार किया। इतना ही नहीं इस दौरान सीएम ने तेंदुए के शावकों का नामकरण भी किया। सीएम योगी ने तेंदुए के शावकों का नाम चण्डी और भवानी रखा। बता दें कि सीएम योगी को जानवरों से काफी लगाव है। इससे पहले भी वो कई बार जानवरों, खासतौर पर गायों को दुलार करते हुए देखे गए हैं।
गोरखपुर में योगी के नेतृत्व में भव्य विजयादशमी शोभा यात्रा
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कल यानी मंगलवार को गोरखपुर में पारंपरिक भव्य विजयादशमी शोभा यात्रा निकाली गई। खास बात ये रही कि इस दौरान अल्पसंख्यक समुदाय सहित विभिन्न समुदायों के सदस्यों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। विशेष पारंपरिक पोशाक में गोरक्षपीठाधीश्वर आदित्यनाथ फूलों से सजे रथ पर सवार थे। इस यात्रा का स्वागत मुस्लिम और सिंधी समुदायों के सदस्यों ने गर्मजोशी से किया। गोरक्षपीठाधिकारी ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें प्रसाद भी वितरित किया। आदित्यनाथ ने गुरु गोरक्षनाथ की पूजा के बाद शाम साढ़े चार बजे गोरखनाथ मंदिर से यात्रा निकाली। यात्रा विशेष संगीत वाद्ययंत्र- नागफनी, तुरही, नगाड़ा, डमरू और बैंड बाजा के साथ आगे बढ़ी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम भगवान श्रीराम की पूजा एवं वन्दना कर रहे हैं, क्योंकि भगवान श्रीराम ने अपने आदर्शों से एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
सीएम योगी ने किया कन्या पूजन
इससे पहले कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र में नवमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा और 'कन्या पूजन' किया था। कन्या पूजन के दौरान मुख्यमंत्री ने छोटी बच्चियों के चरण पखारे, आरती की और उन्हें दक्षिणा और उपहार दिये। उसके बाद उन्होंने परम्परानुसार गोरक्षपीठाधीश्वर के तौर पर बटुक पूजा की। आदित्यनाथ ने भगवान शिव का अवतार माने जाने वाले गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा भी की। कन्या पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म में महिलाओं की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साल में दो बार देवी दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा करने की परम्परा सनातन धर्म में महिलाओं के सम्मान की भावना की प्रतीक है।