Highlights
- उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित अगस्त्य मुनि के आश्रम में बुधवार को एक अनूठी शादी देखने को मिली।
- आश्रम में एक ईसाई दूल्हे ने अपनी मुस्लिम दुल्हन की मांग भरकर 7 फेरे लिए और जन्म-जन्मांतर तक साथ निभाने की कसमें खाईं।
- हिंदू धर्म अपनाने के बाद ईसाई लड़के सुमित और मुस्लिम लड़की नूर ने सनातन धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली।
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित अगस्त्य मुनि के आश्रम में बुधवार को एक अनूठी शादी देखने को मिली। आश्रम में एक ईसाई दूल्हे ने अपनी मुस्लिम दुल्हन की मांग भरकर 7 फेरे लिए और जन्म-जन्मांतर तक साथ निभाने की कसमें खाईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू धर्म अपनाने के बाद ईसाई लड़के सुमित और मुस्लिम लड़की नूर ने सनातन धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर ली। दोनों की शादी बुधवार की रात को अगस्त्य मुनि आश्रम में हुई और वहीं से नूर अपने पति के साथ विदा हो गईं।
‘दंपति के परिवारों ने इस शादी में भाग नहीं लिया था’
हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने शादी में भाग लिया और उनमें से कुछ ने नूर के भाई की भूमिका निभाई। इस अनूठी शादी में कन्यादान मंदिर के महंत ने किया तो गोद भराई की रस्म हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पूरी की। दरअसल, दंपति के परिवारों ने इस शादी में भाग नहीं लिया था। सुमित ने बताया कि वह 3 साल पहले नूर से मिले थे और दोनों में प्यार हो गया। सुमित ने कहा कि दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन चूंकि वह ईसाई धर्म से ताल्लुक रखते थे, और नूर मुस्लिम थी, इसलिए ऐसा होना काफी मुश्किल था।
शादी के फेरे लेते वक्त नूर और सुमित हुए थे भावुक
सुमित ने आगे बताया, ‘मैं सनातन धर्म से प्रभावित था और इस विषय पर कुछ किताबें भी पढ़ी थीं। नूर भी प्रभावित हुई और हमने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने का फैसला किया।’ नूर ने कहा, ‘हमने हिंदू युवा वाहिनी लोगों से संपर्क किया और उन्होंने हमारी मदद की।’ शादी के फेरे लेते वक्त नूर और सुमित काफी भावुक हो गए थे। बता दें कि नूर ने अपना नाम बदलकर निशा रख लिया है। उन्होंने कहा, ‘वह बालिग हैं और अपना भला-बुरा खुद सोच सकती है।’ दंपति ने कहा कि वे अब शनिवार से अपना पहला नवरात्रि व्रत रखेंगे। (IANS)