Highlights
- सरकारी या निजी किसी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कठोरतम कार्रवाई की जाए: योगी
- योगी ने कहा, भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के कठोरतम कार्रवाई की जाए।
- मनरेगा के माध्यम से महामारी के दौरान वित्तवर्ष 2019-20 और 2020-21 में सर्वाधिक 213 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है: योगी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी या निजी किसी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कठोरतम कार्रवाई की जाए। मंत्रिपरिषद के समक्ष ग्राम्य विकास सेक्टर के 5 विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि बीडीओ/तहसीलदार/एसडीएम (उपजिलाधिकारी) अपने तैनाती स्थल पर ही रहें और अगर शासकीय आवास उपयुक्त नहीं है तो किराए पर रहने की व्यवस्था करें।
‘गावों में यह गंभीर विवाद का कारक है’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ बिना भेदभाव के कठोरतम कार्रवाई की जाए। गांवों में यह गंभीर विवाद का कारक है और इससे कड़ाई से निपटा जाए। गोचर भूमि पर अवैध कब्जी का पड़ताल कर कार्रवाई की जाए।' उन्होंने निर्देश दिए कि तहसील प्रशासन को जिम्मेदार, पारदर्शी तथा भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें प्राप्त करने के लिहाज से अलग पोर्टल बनाया जाए।
‘भ्रष्टाचार के शिकायतों की जांच करें’
योगी ने कहा कि 50 अधिकारियों का एक पैनल बनाएं, जो भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करे। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बेघरों को मकान उपलब्ध कराने के लक्ष्य से 13 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और डेढ़ लाख परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मकान देने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है।
‘हर जिले में हो 2 हाईटेक नर्सरी’
योगी ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से महामारी के दौरान वित्तवर्ष 2019-20 और 2020-21 में सर्वाधिक 213 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और वित्तवर्ष 2020-21 और 2021-22 में परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर रहा है। सीएम ने मनरेगा से हर जिले में 2 हाईटेक नर्सरी की स्थापना करने को कहा है। एक नर्सरी से 15 लाख पौधे तैयार होंगे। (भाषा)