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ICICI-Videocon loan case: चंदा कोचर और दीपक कोचर मुंबई की जेल से रिहा, हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

CBI ने वीडियोकॉन-ICICI बैंक के लोन फ्रॉड केस में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था जिसके बाद दोनों ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मनमाना बताते हुए इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

Reported By: Atul Singh @atuljmd123
Published : Jan 10, 2023 11:14 IST, Updated : Jan 10, 2023 12:06 IST
Chanda Kochhar, Deepak Kochhar, ICICI Bank
Image Source : FILE ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और दीपक कोचर।

मुंबई: लोन फ्रॉड केस में जमानत मिलने के बाद ICICI बैंक की पूर्व CEO एवं MD चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को मंगलवार को मुंबई की जेल से रिहा कर दिया गया। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को इस मामले में सोमवार को अंतरिम जमानत दे दी थी। कोर्ट ने गिरफ्तारी ‘लापरवाही’ और बिना सोचे-समझे करने के लिए CBI से नाराजगी भी जताई। CBI ने वीडियोकॉन-ICICI बैंक के लोन फ्रॉड केस में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। ICICI बैंक की पूर्व MD चंदा कोचर मुम्बई की भाइकला महिला जेल से सफेद रंग की कार से बाहर निकलीं।

चंदा और दीपक ने गिरफ्तारी को दी थी चुनौती

चंदा और दीपक ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मनमाना बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दोनों ने अंतरिम आदेश के माध्यम से जमानत पर छोड़े जाने की गुहार लगाई थी। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पी. के. चव्हाण की खंडपीठ ने 49 पृष्ठ के अपने फैसले में कहा कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं थीं। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को याचिकाओं पर सुनवाई लंबित रहने और अंतिम निस्तारण होने तक जमानत पर रिहाई का हक है। हाई कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 6 फरवरी की तारीख तय की।


‘गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के तहत नहीं हुई’
अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में गिरफ्तारी का आधार केवल असहयोग और पूरी तरह सही जानकारी नहीं देना बताया गया है। उसने कहा कि कोचर दंपति की गिरफ्तारी दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 41ए का उल्लंघन है, जिसके तहत संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस भेजना अनिवार्य है। कोर्ट ने कहा, ‘तथ्यों के अनुसार, याचिकाकर्ताओं (कोचर दंपति) की गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के तहत नहीं की गई। धारा 41 (ए) का पालन नहीं किया गया और इसलिए वे रिहाई के हकदार हैं। गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के तहत नहीं की गई।’

‘चंदा और दीपक को जांच में सहयोग करना चाहिए’
बेंच ने कहा कि स्पेशल CBI कोर्ट ने कोचर दंपति की रिमांड पर सुनवाई करते हुए कानून का ध्यान नहीं रखा। उसने कहा कि यदि कानून के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया तो अदालत आरोपियों को तत्काल रिहा कराने के लिए बाध्य है। बेंच ने कोचर दंपति को एक-एक लाख रुपये की जमानत राशि जमा कराने का निर्देश दिया। दंपति के वकील ने बाद में कहा कि वे रिहाई के लिए CBI की अदालत में आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अदालत ने कहा कि दोनों को जांच में सहयोग करना चाहिए और जब भी तलब किया जाए, दोनों CBI दफ्तर में पेश हों।

‘CBI के पास अपने पासपोर्ट जमा करें कोचर दंपति’
कोचर दंपति को अपने पासपोर्ट CBI के पास जमा कराने का निर्देश भी दिया गया। कोचर दंपति के अलावा CBI ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी मामले में गिरफ्तार किया है। CBI ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (NRAL), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को IPC की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज FIR में आरोपी बनाया है। एजेंसी का आरोप है कि ICICI बैंक ने धूत की कंपनियों को RBI आदि के नियमों के खिलाफ जाकर 3,250 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया था।

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