लखनऊ: वित्त मंत्री की बजट घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियों ने इस पर बयान देना भी शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने इस बजट को छलावा बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बजट में रोजगार व कारोबारी हितों की अनदेखी की गई है। MSME व किसानों की आय बढ़ाने को लेकर बजट मौन है। नौजवानों, महिलाओं, मजदूरों, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग और विशेषकर मध्यम वर्ग के लिए यह बजट मात्र एक छलावा या आभासी स्क्रैच कार्ड है, जिसमें एक संदेश छुपा होता है-वेटर लक नेक्स्ट टाइम'
ये सरकार गरीबों की दुश्मन है: स्वामी प्रसाद मौर्य
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी बजट पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'बजट बहुत निराशाजनक है, सिर्फ लोक लुभावने वादे हैं और कुछ नहीं है, पीएम मोदी ने रोजगार के बड़े-बड़े वादे किए थे, वो तो छोड़िए बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है देश में।'
मौर्य ने कहा, 'महिला, दलित, पिछड़ों का भी इस बजट में खयाल नहीं रखा गया। महिला सुरक्षा का भी कोई प्रावधान नहीं किया बल्कि महिला संरक्षण में बजट कटौती की। इस सरकार ने पिछड़े, अल्पसंख्यक दलित समाज को दी जाने वाली स्कॉलरशिप भी खत्म कर दी। शिक्षा, स्वास्थ, कृषि, कल्याण, यूरिया सब्सिडी के बजट में भारी कटौती की गई है। मनरेगा बजट में 33 फीसदी की कटौती करी है। ये सरकार गरीबों की दुश्मन है।'
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ये भी कहा था की 2022 तक सभी को आवास दे देंगे, हो सकता है 2024 चुनावी वर्ष में आवास देने का ड्रामा नाटक कर सकते हैं।
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