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Noida Twin towers demolition: नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर ध्वस्त होने को तैयार, ब्राजील में सबसे पहले गिराया गया था ये भवन

Noida Twin towers demolition: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा में सुपरटेक कंपनी के दोनों टावर अब ध्वस्तीकरण के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इन्हें गिराने के लिए विस्फोटक लगाए जाने का कार्य पूरा किया जा चुका है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra
Published on: August 23, 2022 15:18 IST
noida supertech tower- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV noida supertech tower

Highlights

  • सुपरटेक के दोनों टावरों में विस्फोटक लगाने का काम पूरा
  • 28 अगस्त के पहले गिराया जाना है सेक्टर 93 ए स्थित ट्विन टॉवर
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिया था टॉवरों को ध्वस्त करने का निर्देश

Noida Twin towers demolition: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा में सुपरटेक कंपनी के दोनों टावर अब ध्वस्तीकरण के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इन्हें गिराने के लिए विस्फोटक लगाए जाने का कार्य पूरा किया जा चुका है। देश की शीर्ष अदालत ने मानकों को दरकिनार कर बनाए गए इन दोनों टावरों को 28 अगस्त के पहले ध्वस्त करने का आदेश सुनाया है। विशेष परिस्थिति में इस तिथि में सिर्फ एक हफ्ते की अतिरिक्त छूट दी जा सकती है। यह दोनों टावर नोएडा के सेक्टर 93 ए में स्थित हैं। सियान और एपेक्स नामक टावर को ध्वस्त करने के लिए  एडफिस कंपनी को जिम्मा सौंपा गया है। 

एडफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर उत्कर्ष मेहता के अनुसार दोनों टावरों को गिराने के लिए 3.5 टन से अधिक विस्फोटक लगाया गया है। इस विस्फोटक को नॉन इलेक्ट्रिक वायरिंग से जोड़ा गया है। आगे चलकर इसे ट्रिगर से जोड़ा जाना है। विस्फोटक लगाने का कार्य पूरा हो जाने के बाद अब टावरों को गिराने की दिशा में तैयारी शुरू कर दी गई है। वर्ष 1975 में ब्राजील में सबसे पहले विलसन मेंडस नामक 110 मीटर ऊंची बिल्डिंग को विस्फोटक लगा कर गिराया गया था। यह मेट्रो के रास्ते में आ रही थी। 

16 टीमों ने लगाया विस्फोटक

टावरों को गिराने के लिए विस्फोटक लगाने का काम 16 टीमों ने संभाला। प्रत्येक टीम ने तेजी से इस कार्य को अंजाम दिया। इसमें 46 लोग शामिल थे। साथ ही विस्फोटक लगाने के लिए 10 विशेषज्ञों की टीम भी लगाई गई थी। एपेक्स टावर में 11 प्राइमरी और सात सेकेंडरी फ्लोर हैं। बेसमेंट के सभी तलों समेत पिलर में भी 60 फीसद तक विस्फोटक सामग्री लगाई गई है। इन्हें चार्ज करने का काम भी पूरा कर लिया गया है। 

संयुक्त अरब अमीरात में सबसे ऊंची इमारत गिराने का रिकॉर्ड
1.संयुक्त अरब अमीरात में अब तक सबसे ऊंची 168.5 मीटर ऊंची इमारत मीना प्लाजा को वर्ष 2020 में गिराए जाने का रिकॉर्ड है। काम पूरा नहीं होने पर इसे ध्वस्त किया गया। 
2.इसी तरह वर्ष 1998 में यूएस का जेएल हडसन डिपार्टमेंट जो कि 134 मीटर ऊंचा था को ध्वस्त किया गया। इसका कारण जेएल हडसन का दिवालिया हो जाना था। 
3.यूएस में ही 120 मीटर ऊंची इमारत लैंड मार्ट को 2006 में ध्वस्त किया गया। टारनेडो तूफान की वजह से यह भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। इस वजह से इसे गिराने का फैसला किया गया। 4. वर्ष 2015 में चीन में 118 मीटर जिन हुआ बिल्डिंग को गिराया गया। वजह इसका दोबारा निर्माण किया जाना था। 
5. वर्ष 2014 में जर्मनी में 116 मीटर एफी टुर्म इमारत को ध्वस्त किया गया। इसका भी दोबारा निर्माण किया जाना था। 
6. वर्ष 2009 में यूएएस में 115 मीटर ओसिएन टावर को क्रेक होने के चलते ध्वस्त करने का फैसला किया गया। 
7. 1995 में लॉस वेगास के 111 मीटर ऊंचे लैंड मार्क होटल को कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए गिराया गया।
8. वर्ष 1975 में दुनिया में पहली बार 110 मीटर ऊंचे ब्राजील के विलसन मेंडस को मेट्रो के लिए रास्ता बनाने के चलते ध्वस्त किया गया।
9.वर्ष 2012 में चीन के 110 मीटर ऊंचे चौंकिंग पैसेंजर ट्रांसपोर्ट को राफेल सिटी के लिए रास्ता बनाने के उद्देश्य से ध्वस्त किया गया। 

भारत में एक साथ चार आवासीय टावर केरल में हुए हैं ध्वस्त
नोएडा से पहले भारत में अब तक एक साथ चार आवासीय टावर केरल में ध्वस्त किए गए हैं। इनमें से तीन टावरों की ऊंचाई 17 मंजिल और एक 19 मंजिल ऊंचा था। यह टावर केरल के मराडु में स्थित थे। अब नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते ध्वस्त किया जा रहा है। इन दोनों टावरों को गिराने के लिए भारत के 10 और दक्षिण अफ्रीका के छह विशेषज्ञ मौके पर मौजूद रहेंगे। 

आसपास के पार्क, वाहन, पौधे और लोगों को सुरक्षित रखने के बना प्लान
टावर के आसपास के पार्कों, वाहनों , पौधों और लोगों को सुरक्षित रखने का प्लान भी तैयार किया गया है। इनमें से जरूरत के अनुसार शिफ्टिंग का कार्य भी कराया जाएगा। ताकि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। टावर ध्वस्तीकरण के दौरान आसपास की रिस्क वाली इमारतों को भी खाली कराया जाएगा। लोगों की आवाजाही टावर ध्वस्तीकरण पूरा होने तक बंद रहेगी। इस दौरान बिजली और गैस की सप्लाई भी बंद कर दी जाएगी। 

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