Highlights
- मंदिर को लेकर अखिलेश यादव का विवादित बयान
- अखिलेश ने हिंदू धर्म का उड़ाया मजाक: बीजेपी
- शहजाद पूनावाला ने विवादित बयान को लेकर किया हमला
BJP On Akhilesh Yadav's Remark: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर जारी अदालती कार्यवाही के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विवादित बयान दिया था। अखिलेश यादव की ओर से मंदिर पर की गई विवादित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी कर यूपी के पूर्व सीएम ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया है।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दावा करते हैं कि श्री कृष्ण उनके सपनों में आते हैं, उन्होंने हिंदू आस्था का भी मजाक उड़ाया। शहजाद पूनावाला ने शेयर किए एक वीडियो में कहा, "अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे हिंदू धर्म में यह है कि पीपल के पेड़ के नीचे कहीं पर भी पत्थर रख दो, उस पर लाल झंडा लगा दो, तो वह मंदिर बन जाता है। हिंदू आस्था का इस तरह का मजाक किसी के लिए आश्चर्य की बात नहीं है, जिनकी राजनीति, श्रेय लेने और निर्दोष रामभक्तों पर गोलियां चलाने में गर्व महसूस करने की रही हो।"
वहीं, शहजाद पूनावाला ने अखिलेश यादव द्वारा पिछले साल नवंबर में की गई टिप्पणी को भी दोहराया। दरअसल, अखिलेश यादवा ने भगवा वस्त्रधारी संतों को 'चिलमजीवी' कहा था। इसे लेकर बीजेपी नेता ने कहा कि यह वहीं अखिलेश यादव हैं जिनकी सरकार ने साधु-संतों के खिलाफ क्रूर बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि ये वहीं अखिलेश यादव और कांग्रेस पार्टी का पूरा इकोसिस्म है, जिसने कहा कि श्री राम का अस्तित्व नहीं है। पूनावाला ने 70 सालों से राम मंदिर का विरोध करने और आईएसआईएस और बोको हराम से हिंदुत्व की तुलना करने को लेकर इकोसिस्टम पर तंज कसा।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राजनेताओं ने हमेशा हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया, लेकिन किसी अन्य धर्म का नहीं। पूनावाला ने कहा कि यह 'हिंदू नफरत' और 'हिंदू नफरत' के 'डीएनए' को दिखाता है, जो वोट बैंक के लिए ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण अखिलेश यादव और उनका इकोसिस्टम वोट बैंक के लिए इतने बेताब हैं कि वे हिंदू आस्था को चोट पहुंचाने और उस पर हमला करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
गौरतलब है कि बीजेपी पर निशाना साधते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीते दिन अयोध्या में कहा था, "पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर और लाल झंडा रखकर कहीं भी मंदिर बनाया जा सकता है।" सपा अध्यक्ष की यह टिप्पणी वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अदालत की ओर से आदेशित वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई।