भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों दिल्ली आकार विश्राम पर है। यात्रा दोबारा तीन जनवरी से शुरू होगी और इसी दिन गाजियाबाद के रस्ते उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। यूपी में यात्रा के लिए कांग्रेस ने खास प्लानिंग की है। यात्रा में शामिल होने के लिए विपक्ष के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। इस बहाने कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश और मायावती को भेजा गया शामिल होने का न्यौता
मीडिया में आई जानकरी के अनुसार, कांग्रेस की प्रदेश कमिटी ने पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, विधायक एवं पूर्व मंत्री शिवपाल यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं सांसद जयंत चौधरी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान, बसपा के बड़े नेता सतीश चंद्र मिश्र सहित तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को यात्रा में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा है।
पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को भी भेजा निमंत्रण
वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दिनेश सिंह ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. दिनेश शर्मा को भी इस यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। भारत जोड़ो यात्रा यूपी के को-आर्डिनेटर सलमान खुर्शीद ने नौ कमेटियों का गठन किया है। नौ सदस्यीय प्रचार एवं ब्रांडिंग कमेटी की कमान नदीम जावेद को सौंपी गई है। वहीं, टेंट एवं एकोमोडेशन मैनेजमेंट कमेटी का चेयरपर्सन योगेश दीक्षित को बनाया गया है। 15 सदस्यीय मोबिलाइजेशन एवं को-आर्डिनेशन कमेटी की जिम्मेदारी आराधना मिश्रा को सौंपी गई है। फूड मैनेजमेंट कमेटी की कमान प्रदीप जैन आदित्य संभालेंगे तो मीडिया मैनेजमेंट अखिलेश प्रताप सिंह अपनी 11 सदस्यीय टीम के साथ देखेंगे।
3 दिसंबर को फिर से शुरू होगी यात्रा
बता दें कि सितंबर माह में तमिलनाडु से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर के शरीनगर में जाकर समाप्त होगी। हालांकि अभी यह यात्रा राष्टीय राजधानी दिल्ली में रुकी हुई है। अब यह यात्रा 3 दिसंबर 2023 को दोबारा शुरू होगी। अभी तक इस यात्रा ने 2800 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय किया है। कांग्रेस की यह भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से श्रीनगर तक का 3,570 किमी लंबा मार्च पांच महीने में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगा। फरवरी 2023 की शुरुआत में यात्रा जम्मू-कश्मीर में सम्पन्न होगी।