उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा कर मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए ओपन कर दिया जाएगा। मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने आज मंगलवार को बताया कि मुख्य मंदिर का 40 फीसदी और कुल मिलाकर परिसर में 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि हम निर्माण कार्य की स्पीड और क्वालिटी से संतुष्ट हैं।
'पहला फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा'
चंपत राय ने बताया कि मंदिर का पहला फ्लोर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। उसके बाद 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख साधु-संतों की प्रतिमाएं लगवाने के लिए स्थान फिक्स करने का भी फैसला किया है।
पीएम मोदी ने मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया था
ट्रस्ट ने दीपावली के एक दिन बाद मंगलवार को मीडिया को उस जगह जाने की इजाजत दी, जहां से मंदिर निर्माण की प्रगति का जायजा लिया जा सकता है। भ्रमण के दौरान मीडिया को उस जगह पर भी ले जाया गया, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शनिवार को मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया था।
5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन
गौरतलब है कि हाई कोर्ट की ओर से 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाए जाने के बाद विवादित रहे परिसर में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने 05 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। योजना के मुताबिक, राम मंदिर परिसर में 70 एकड़ क्षेत्र के अंदर वाल्मीकि, केवट, शबरी, जटायु, सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी बनाए जाएंगे।
सफेद संगमरमर का इस्तेमाल मंदिर के गर्भगृह के अंदर होगा
एक आयताकार दो मंजिला परिक्रमा मार्ग भी बनाया जा रहा है, जिसमें मंदिर का क्षेत्रफल और उसके प्रांगण सहित कुल आठ एकड़ जमीन शामिल है। इसके पूर्वी भाग में बलुआ पत्थर से बना प्रवेश द्वार होगा। राजस्थान में मकराना पहाड़ियों से लाए जा रहे सफेद संगमरमर का इस्तेमाल मंदिर के गर्भगृह के अंदर किया जाएगा।