गाजियाबाद के इंदिरापुरम में पुलिस की पिटाई के बाद एक ऑटो ड्राइवर की मौत होने की खबर है। सोमवार को ऑटो चालक धर्मपाल यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि रविवार रात उसके ऑटो और एक साइकिल सवार के बीच एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद पुलिस उसे पकड़ कर चौकी ले गई थी। पुलिस ने चौकी के अंदर ऑटो चालक की जमकर पिटाई की। उसके बाद देर रात पुलिस ने उसे परिजनों को सौंपा। उस दौरान चालक बेहोश था। जिसके बाद परिजनों ने बताया कि वह उसे अस्पताल ले गए जहां पहुंचने के आधे घंटे बाद ही ऑटो चालक ने दम तोड़ दिया। पुलिस पर थर्ड डिग्री देकर मौत के घाट उतारने का आरोप है।
धर्मपाल ने 112 पुलिस को किया था फोन
25 साल का धर्मपाल यादव मूल रूप से जिला कासगंज में अमापुर थाना क्षेत्र के गांव नंगला बांस का रहने वाला था। वह परिवार के साथ इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के कनावनी गांव में रहता था। वह वैशाली मेट्रो स्टेशन से रेलवे विहार के बीच ऑटो चलाता था। उसके बहनोई अरविंद यादव ने बताया, 'धर्मपाल रविवार रात करीब 10 बजे ऑटो से घर लौट रहा था। नीति खंड इलाके में रेलवे विहार कट पर ऑटो की एक साइकिल से टक्कर हो गई। साइकिल सवार युवक घायल हो गया। धर्मपाल ने खुद 112 को फोन करके पुलिस बुलाया था। आरोप है कि पुलिस सूचना देने वाले व्यक्ति धर्मपाल यादव को ही उठाकर कनावनी चौकी पर ले आई।'
घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड
अरविंद यादव के अनुसार, उनके साले धर्मपाल यादव ने पुलिस से कहा कि वह घायल का इलाज करवा देगा। इसके बाद पुलिस उसको शांति गोपाल हॉस्पिटल में ले गई। जहां पर साइकिल सवार घायल व्यक्ति भर्ती था। आरोप है कि इमरजेंसी में ही पुलिस ने धर्मपाल को खूब पीटा। ये घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड बताई जा रही है।
डीसीपी दीक्षा शर्मा का बयान
अरविंद यादव ने बताया कि हॉस्पिटल से पुलिस उसको फिर चौकी पर ले गई और वहां खूब पिटाई की गई। रात में डेढ़ बजे कुछ पुलिसकर्मियों ने धर्मपाल के चचेरे भाई मुरारी यादव को फोन करके उसे ले जाने के लिए कहा। मुरारी का कहना है कि जब वो चौकी पर पहुंचा तो धर्मपाल यादव बेहोश पड़ा था। इसलिए वह उसको घर की बजाय शांति गोपाल हॉस्पिटल ले गए। यहां रात करीब दो बजे धर्मपाल की मौत हो गई। वहीं डीसीपी दीक्षा शर्मा ने बताया है कि 'परिजनों ने अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी है।