अलीगढ़: अपने लक्ष्य को बड़ा रखें और उसे पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करें। काम में संतुष्ट होना या रुक जाना, मैदान छोड़ने के समान है। आपके सामने अपार अवसर हैं और उनमें से जो श्रेष्ठ है उसे आप चुनिए। अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पुलिस लाइन में विजडम स्कूल के स्टूडेंट्स के साथ संवाद करते हुए ये बातें कही। इस दौरान उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।
अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें
सफलता से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कलानिधि नैथानी ने कहा कि सफलता के लिए सबके अलग-अलग मायने होते हैं। सफलता ये नहीं है कि आप कहां पर हैं। सफलता ये है कि आपने कहां से शुरू किया और कहां पहुंचे। सफलता का पहला कदम है कि आप शुरुआत कर दें।आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें, रुके नहीं।
बीटेक की डिग्री ली, साइंटिफिक ऑफिसर के तौर पर काम किया
एक छात्र ने जब यह सवाल किया कि एसएसपी बनने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली? कलानिधि नैथानी ने कहा, 'मैंने बीटेक की पढ़ाई की और मेरा कैंपस सेलेक्शन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में हुआ लेकिन मैंने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद मैंने साइंटिफिक ऑफिसर के तौर पर भी काम किया लेकिन मेरा मन नहीं लगा। दफ्तर आते-जाते समय बस में तरह-तरह के लोग मिलते थे। इसी दौरान सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला लिया और दूसरे प्रयास में परीक्षा में पास हो गया।' उन्होंने कहा कि मैंने एक कदम बढ़ाया और चलते-चलते यहां तक आ पहुंचा।
अपार अवसरों में से श्रेष्ठ को चुनें
साइंटिफिक ऑफिसर की नौकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज में जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में कलानिधि नैथानी ने कहा, 'यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां पर खुश हैं। अच्छा है कि आप ऐसी जॉब चुनें जो आपको व्यस्त रखे और कठोर परिश्रम भी महसूस न हो। पुलिस का काम कठिन परिश्रम का है लेकिन मैंने ऐसा कभी महसूस नहीं किया। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि ये काम नहीं करना था या फिर जिम्मेदारी से भाग गए। सिर्फ आपके फैसले ही आपके नियंत्रण में होते हैं। अपार अवसरों में से श्रेष्ठ को चुनें और आगे बढ़ें।'
जहां खुद से किसी की तुलना करोगे तो वहां तनाव होगा
तनाव प्रबंधन से जुड़े एक सवाल के जवाब में कलानिधि नैथानी ने कहा-'जहां खुद से किसी की तुलना करोगे तो वहां तनाव होगा। दुनिया की जनसंख्या 8 बिलियन है और ऐसे में नंबर वन बनने की संभावना कम है। हर शख्स की क्षमता अलग-अलग है। इसलिए अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहिए। तनाव को दूर करने के लिए दिमाग को व्यस्त रखें। मोबाइल फोन और इंटरनेट से दूर रहकर कुछ समय ऐसा कीजिए जिसमें सबकुछ भूल जाइये। शारीरिक गतिविधियों से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है। जहां दिखावटी बातें नहीं होगी वहां तनाव नहीं आ सकता। एटीट्यूड बिल्डिंग बहुत जरूरी है। इसलिए बिल्कुल नेचुरल रहिए।'
नारीशक्ति को सुरक्षित और आजाद रखना होगा
लड़कियों की असुरक्षा से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, 'असुरक्षा की स्थिति में सीधे 1090 हेल्पलाइन पर शिकायत करें। लड़कों को भी यह समझना होगा कि उनके आसपास कहीं गलत हो रहा हो तो उसे रोकना होगा। हमें दूसरों की भी परवाह करनी होगी। इससे व्यक्तित्व में निखार आएगा। हमें नारीशक्ति को सुरक्षित और आजाद रखना होगा।'