Highlights
- मंगलवार को सैफई में किया गया मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार
- अखिलेश ने अपने पिता की अस्थियों का संचयन और पिंडदान किया
- अखिलेश ने कहा कि आज पहली बार लगा बिन सूरज के सवेरा उगा
Mulayam Singh Yadav: सैफई की जन्मभूमि से पूरे देश की सियासत में सितारे की तरह चमके सपा संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव मंगलवार को सैफई में ही पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। बुधवार को उनके बेटे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने पिता की अस्थियों का संचयन और पिंडदान किया। अखिलेश ने कहा कि आज पहली बार लगा बिन सूरज के सवेरा उगा। मुलायम सिंह यादव की मंगलवार को अंत्येष्टि के बाद बुधवार को सैफई स्थित कोठी में शुद्धि संस्कार संपन्न हुआ। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, प्रतीक यादव, शिवपाल सिंह यादव, अभयराम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप सिंह यादव मौजूद रहे।
अखिलेश ने पिता की चिता के दर्शन किए
अखिलेश सुबह अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे और पिता की अस्थियां एकत्रित कीं। अखिलेश ने बुधवार को पिता की चिता के दर्शन किए। इस दौरान वह बहुत गंभीर नजर आ रहे थे। उनके साथ उनके परिवार और गांव के लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पिता के जाने का दुख है। उन्होंने कहा कि आज पहली बार लगा कि बिन सूरज के सवेरा उगा। परिवार के सभी लोग आवास पर ही एकत्रित हैं और शोक का माहौल बना है। लोग शोक संवेदना प्रकट करने के लिए आवास पर पहुंच रहे हैं। पूरा सैफई शोक में डूबा है और सुबह से लोगों ने दुकानें नहीं खोली हैं। चारों तरफ मुलायम सिंह के बारे में ही लोग चर्चा कर रहे हैं।
मुलायम के अंतिम संस्कार में दल जाति संप्रदाय वर्ग की दीवारें टूट गईं
बता दें कि मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में दल जाति संप्रदाय वर्ग की दीवारें टूट गईं और राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक की हस्तियां सैफई पहुंची थी। मुलायम की राजनीतिक विचारधारा के कितने भी विरोधी रहे हैं उनके राजनीतिक कौशल ने कभी किसी को दुश्मन नहीं बनने दिए। मुलायम की इस अदभुत काबिलियत का नजारा उनके अंतिम संस्कार में भी दिखाई दिया। धरतीपुत्र के नाम से विख्यात मुलायम सिंह ने अपने गांव में अंतिम संस्कार की इच्छा रही होगी इसलिए लाखों की भीड़ के बीच नेताजी के अंतिम संस्कार रीतिरिवाज से किया गया। मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर के पास सुबह से उनका पूरा परिवार मौजूद था। अपने मुखिया को आखिरी विदाई करते वक्त पूरे परिवार की आंखें नम थी।
दूधिया सागर की तरह लग रहा था सैफई
मुलायम सिंह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे। साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, एसयूवी और परिवहन के अन्य साधनों में सवार सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और लोग आस-पास के इलाकों से मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सैफई पहुंचे थे। पूरा सैफई मानो दूधिया सागर की तरह लग रहा था क्योंकि सफेद कपड़ों में वहां हर क्षेत्र से लोग पहुंचे थे और कई लोग अपनी-अपनी छतों पर थे। कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गए थे तो कुछ अपने प्रिय नेता ‘धरती पुत्र’ को ले जा रहे वाहन को छूने का प्रयास कर रहे थे।