Highlights
- केशव मौर्य और अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस
- सैफई पर टिप्पणी से भड़के अखिलेश
- योगी ने सदन की मर्यादा बनाए रखने की दी सलाह
Akhilesh Yadav Angry in UP Assembly: यूपी विधानसभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ है। आज उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बहस हो गई। डिप्टी सीएम केशव मौर्य सदन में बोल रहे थे तो बीच में अखिलेश ने टोका। इसके जवाब में केशव प्रसाद ने सैफई को लेकर अखिलेश पर टिप्पणी की जिसके बाद बवाल हो गया। अखिलेश यादव ने केशव मौर्य पर फिर पर्सनल टिप्पणी कर दी। बवाल इतना बढ़ा कि बीच-बचाव के लिए योगी को सामने आना पड़ा।
विधानसभा में कैसे हुआ ये पूरा हंगामा?
अखिलेश यादव ने अपने संबोधन के दौरान केशव मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि जनता ने इन्हें हराकर इनकी गर्मी निकाल दी। केशव मौय ने भी इसका जवाब देते हुए कहा कि आप भी 400 सीट का दावा कर रहे थे, आप खुद 100 सीट ही जीत पाए हैं। नौबत ये आ गई कि अखिलेश यादव मर्यादा भूल गए और गुस्से में मौर्य को 'तुम' कहकर संबोधित किया। दोनों के बीच पहले हल्की फुल्की नोकझोंक चल रही थी। दोनो मुस्कुरा भी रहे थे, पर जैसे ही मौर्य ने सैफई का जिक्र किया अखिलेश तमतमा गए और लगभग डांटने के अंदाज में कहने लगे कि क्या तुम अपने पिता जी की संपत्ति बेचकर सड़क बनवाते हो।
सपा के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछली सरकार में सैफई के विकास के लिए पैसा कहां से लाते थे? क्या विकास के लिए पैसा पिता जी से लाए थे? इस पर गुस्साए अखिलेश ने तल्ख तेवर में जवाब दिया कि हम नहीं लाए थे, क्या तुम लेकर आए थे? आगे कहा कि केशव मौर्य दूसरों की चिंता करते रहे, इसलिए अपना चुनाव हार गए।
अखिलेश यादव को योगी आदित्यनाथ का जवाब
नौबत ये आ गई कि अखिलेश यादव मर्यादा भूल गए और गुस्से में मौर्य को 'तुम' कहकर संबोधित किया। दोनों के बीच पहले हल्की फुल्की नोकझोंक चल रही थी। दोनो मुस्कुरा भी रहे थे, पर जैसे ही मौर्य ने सैफई का जिक्र किया अखिलेश तमतमा गए और लगभग डांटने के अंदाज में कहने लगे कि क्या तुम अपने पिता जी की संपत्ति बेचकर सड़क बनवाते हो। अखिलेश के इतना कहते ही सदन में जोरदार हंगामा खड़ा हो गया।
अखिलेश यादव की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सीट से खड़े हुए और अखिलेश के बयान पर नाराजगी जाहिर की। सीएम योगी ने कहा कि सदन के अंदर तू तू मैं-मैं की भाषा का इस्तेमाल ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सहमति-असहमति हो सकती है, पर किसी सदस्य के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।