उत्तर प्रदेश का आगरा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां दुनियाभर के पर्यटक ताजमहल समेत अन्य कई ऐतिहासिक विरासतों और धरोहरों को देखने आते हैं। यहां आकर वह जितना ही प्रसन्न होते हैं उतना ही परेशान भी होते हैं। वजह- यहां के बन्दर। आगरा में बंदरों का आतंक अपनी चरम सीमा पर है। इससे पर्यटक के साथ-साथ स्थानीय निवासी और प्रशासन भी परेशान है।
जल्द ही मिल सकती है बंदरों से निजात
अब ताजनगरी को बंदरों के उत्पात से जल्द निजात मिल सकती है। नगर निगम ने बंदरों की नसबंदी करने की योजना बना ली है। इसके तहत करीब 10 हजार बंदरों की नसबंदी की जाएगी। इस पर लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में ताजमहल के आसपास से 500 बंदरों को पकड़ कर नसबंदी की जाएगी। इसके लिए वन विभाग से अनुमति मिल गई है।
नगर निगम कराएगा बंदरों की नसबंदी
ताजमहल में बंदरों के उत्पात से पर्यटकों को सामना करना पड़ता है। कई बार उत्पाती बंदर पर्यटकों पर हमला भी कर चुके हैं। बीते महीनों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। शहर के लोग भी बंदरों की समस्या से परेशान हैं। नगर निगम ने वन विभाग से बंदरों को पकड़ने और उनकी नसबंदी करने के लिए अनुमति मांगी थी। वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद नगर निगम ने योजना बना ली है।
शहरभर से पकड़े जाएंगे 10 हजार बंदर
ताजमहल के साथ शहरभर से 10 हजार बंदरों को पकड़ा जाएगा। उनकी नसबंदी करने के बाद उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। इसकी शुरुआत ताजमहल से होगी। बंदरों को पकड़ने और उनकी नसंबदी करने में करीब चार करोड़ रुपये खर्च होंगे। बता दें कि बीते दिनों बंदरों के उत्पात से निजात दिलाने की मांग जिला व्यापार एवं उद्योग बंधु बैठक में उद्यमियों व व्यापारियों ने उठाई थी। वहीं पिछले दिनों एक वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके आगरा में बंदरों की वजह से होने वाली दिक्कतों को दूर करने की याचिका लगाई थी।