Highlights
- बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़
- गिरोह के सरगना समेत 9 लोगों को किया गया गिरफ्तार
- सरगना महफूज उर रहमान को एटीएस की टीम ने कोलकाता से किया गिरफ्तार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर विदेश भेजने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उसके सरगना समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। एटीएस के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि आठ बांग्लादेशी नागरिक- रिंकू विश्वास, अजीत दास, राजेश विश्वास, पलाश विश्वास, विजय दास, गोलक मंडल, माणिक दत्ता और गोविंद दास शनिवार को फर्जी नाम से कानपुर के रास्ते सियालदह-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे हैं, जहां से वे गिरोह के सरगना महफूज उर रहमान की मदद से तैयार किए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दुबई जाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि एटीएस की टीम ने आठ बांग्लादेशी नागरिकों को पहचान कर उन्हें कानपुर में ट्रेन से उतारा और लखनऊ ले आई।
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों ने बताया कि गिरोह के सरगना महफूज उर रहमान ने हिंदू नाम से भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज बनवा कर उन्हें भारतीय नागरिक के तौर पर विदेश भेजने के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये लिये थे। उन्होंने बताया कि मूल रूप से बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के निवासी रहमान को एटीएस की एक टीम ने कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को पता लगा है कि वह पिछले तीन-चार साल से यह धंधा कर रहा था और उसके कुछ पाकिस्तानी लोगों से भी संबंध हैं। रहमान से गहराई से पूछताछ की जा रही है। रहमान वर्ष 2010 में अवैध तरीके से भारत आया था और फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसने भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया था। उसके बाद 2013 में वह दुबई चला गया था। वहां से लौटने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से भारत में दाखिल कराकर उनके फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड पासपोर्ट तथा अन्य पहचान पत्र बनवाए और उन्हें भारतीय नागरिक के तौर पर विदेश भेजने का कारोबार शुरू कर दिया।