1990 में कृष्ण कौल कश्मीर में छोड़ आये सारी जायदाद, ला सके तो सिर्फ उर्दू में लिखी 'गीता'
उत्तर प्रदेश | 02 Apr 2022, 4:20 PMकरीब 70 वर्षीय महाराज कृष्ण कौल की मानें तो उनकी रूह इस गीता में बसती है। 1990 में हुए अत्याचार के बाद वह और उनके परिवार के छह सदस्यों के अलावा कई अन्य कश्मीरी पंडित अपना सबकुछ छोड़ भागने पर मजबूर हुए। अभी फिलहाल वह गाजियाबाद जिले के राजेन्द्र नगर में रह रहे हैं।