कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर से जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। जीका वायरस ने कुछ समय पहले दक्षिण भारत के राज्य केरल में जमकर कोहराम मचाया था। सोमवार को उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. वेद ब्रत सिंह ने बताया कि कानपुर कैंट में एक 57 वर्षीय व्यक्ति में जीका वायरस का मामला सामने आया था। इसके बाद हमने एक किलोमीटर के दायरे में बुखार से पीड़ित लोगों को चिन्हित कर उनकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली से भेजी गई स्पेशल टीम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस संक्रमण का एक मामला सामने आने के बाद वहां एक उच्च स्तरीय टीम भेजी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीका वायरस संक्रमण के नियंत्रण और रोकथाम के लिए राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और नई दिल्ली के RML अस्पताल से एक कीटविज्ञानी, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की बहु-विषयक टीम को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के लिए भेजा गया है।टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगी, जमीनी स्थिति का जायजा लेगी और आकलन करेगी कि क्या जीका प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्य योजना लागू की जा रही है। बयान में कहा गया है कि टीम राज्य में जीका के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में आवश्यक हस्तक्षेप की भी सिफारिश करेगी।
अन्य बीमारियों जैसे ही हैं जीका वायरस के लक्षण
आपको बता दें कि मच्छरों से पैदा हुए जीका वायरस रोग के लक्षण अन्य वायरल संक्रमण जैसे डेंगू आदि के समान हैं। इसके लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द सिरदर्द आदि शामिल हैं। भारत में पहली बार यह बीमारी जनवरी-फरवरी 2017 में अहमदाबाद में फैली। दूसरी बार 2017 में यह बीमारी तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में पाई गई। दोनों ही मामलों में सघन निगरानी और मच्छर प्रबंधन के जरिए इस पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया गया। यह बीमारी स्वास्थ्य मंत्रालय के निगरानी रडार पर है।