लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट की पहली बैठक मंगलवार शाम को होगी। इसमें किसानों की कर्जमाफी समेत कई अहम फैसले लिये जा सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों की कर्जमाफी के साथ-साथ अवैध बूचड़खानों के विनियमन, मांस कारोबारियों के लाइसेंस से जुड़े मुद्दों, बुंदेलखण्ड को और मदद देने के उपायों, पूर्वांचल की समस्याओं को लेकर अहम निर्णय लिये जा सकते हैं।
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प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को अभूतपूर्व जनादेश मिलने के बाद सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों ने गत 19 मार्च को शपथ ली थी। मौजूदा सरकार की मंत्रिमण्डल की पहली बैठक 16वें दिन होगी। इस विलम्ब का एक कारण किसानों की कर्जमाफी का चुनावी वादा भी माना जा रहा है। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के कारण राज्य लगभग 25 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त व्यय भार आ जाने के बीच किसानों की कर्जमाफी में केन्द्र द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की मदद से इनकार किये जाने से मुश्किल और बढ़ गयी है।
हालांकि, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत तमाम मंत्री किसानों की कर्जमाफी के वादे पर जल्द से जल्द अमल की बात कह रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि मौजूदा सूरतेहाल में सरकार को अपना यह वादा पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी है। भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हर चुनावी सभा में जनता को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली ही बैठक में वह प्रदेश का सांसद होने के नाते किसानों का कर्ज माफ करवाएंगे।