लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी धर्मातरण संबंधी प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गैरकानूनी धर्मातरण समेत 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं, लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रूप से धर्मातरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रूप से धर्मातरण कर शादी करने पर रोक लगेगी। गौरतलब है कि यूपी सरकार ने ऐलान किया था कि हम लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे ताकि लालच, दबाव, धमकी या झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सके।
आपको बता दें कि जिहाद शब्द का अर्थ इस्लाम में 'धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करना' है। इस समय चल रहा लव जिहाद शब्द एक गढ़ा हुआ है। इस्लाम धर्म में इस शब्द का मतलब शादी या प्रेम का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने से समझा जाता है। कथित रूप से मुस्लिम पुरुषों द्वारा गैर-मुस्लिम समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन के लिए प्रेम का नाटक करना।
जानिए योगी सरकार के कानून की मुख्य बातें-
- धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा होगी। इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी।
- अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।
- अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी।
- अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर विहित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है।
योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने बीते दिनों कहा था कि यूपी में अब ये नहीं चलेगा कि मिशन की तरह लड़कियों को बहलाकर धर्म परिवर्तन कराया जाए. ये उन जिहादियों को कड़ा संदेश है, जो इसकी आड़ में धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. ऐसे लोगों को जेल में डालने की पूरी तैयारी है। लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात सबसे पहले सीएम योगी ने यूपी के देवरिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कही थी। उन्होंने कहा था कि जैसा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा।