लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर युवाओं की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए रविवार को नौजवानों की परेशानियों के समयबद्ध समाधान के लिये 'यूथ चार्टर' जारी करने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा कि युवाओं में प्रदेश की भाजपा सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। तमाम विरोध के बावजूद महामारी में परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। रोजगार के नाम पर युवाओं को भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सपा की मांग है कि भाजपा सरकार युवाओं एवं छात्रों की समस्याओं के समयबद्ध समाधान के लिए 'यूथ चार्टर' जारी करे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ जनता में बढ़ती नाराजगी अब नए बदलाव की दिशा तय करेगी। एक बात बहुत साफ है कि नौजवानों और किसानों ने ही हमेशा आगे बढ़कर व्यवस्था और सत्ता में परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता में भाजपा सरकार की नीति-रीति के खिलाफ जनाक्रोश चरम पर है। युवाओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जगह-जगह संघर्ष छेड़ दिया है।
प्रदेश में एक ओर कोरोना संकट बढ़ता जा रहा है दूसरी तरफ प्रशासन दिन-ब-दिन बिगड़ती आर्थिक तथा सामाजिक स्थितियों के प्रति उदासीन है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार की विनाशकारी नीतियों के कारण श्रमिक, किसान और कोरोना काल में अपनी रोजी-रोटी गवां बैठे लोग लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। नोएडा में पिछले पांच महीने के दौरान 145 लोगों ने आत्महत्या की है।
कोविड-19 से 77 और लोगों की मौत, 6,777 नये मरीज
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 77 और लोगों की मौत हो गयी वहीं संक्रमण के 6,777 नये मामले सामने आए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित 77 और लोगों की मौत के साथ संक्रमण से मरने वालों की संख्या 3,920 हो गयी है।
उन्होंने बताया कि इस अवधि में प्रदेश में 6,777 नये लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। प्रदेश में इस वक्त 61,625 संक्रमित लोगों का प्रदेश के विभिन्न कोविड अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। वहीं अब तक दो लाख 738 लोग कोविड-19 संक्रमण से पूरी तरह उबर चुके हैं। प्रसाद ने बताया कि शनिवार को प्रदेश ने नमूनों की जांच में एक नया प्रतिमान स्थापित किया। शनिवार को राज्य में एक लाख 55 हजार 946 नमूने जांचे गये।