लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में भारी हंगामे के बीच शुक्रवार को कुल 17 विधेयक पारित किए गए। इन विधेयकों में उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 भी शामिल है। उसके अलावा उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020 भी पारित कर दिया गया है। हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार इस बिल के जरिए ही उपद्रवियों से वसूली की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए कदम उठा रही है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुमत का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि ये भाजपा सरकार के कमजोर होने का प्रतीक है। इस विधेयक के पास होने पर समाजवादी पार्टी ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
वहीं सत्र के दौरान विपक्ष कानून व्यवस्था व अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा किया। आज विधानसभा परिसर में कांग्रेस के नेताओं ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, कांग्रेसी विधायकों के साथोरिसर में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना पर बैठे। उनके साथ कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधाना मिश्रा, एमलसी दीपक सिंह भी शामिल रहे।
सभी विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तख्तियों में 'कानून व्यवस्था ध्वस्त है योगी बाबा मस्त है', 'यूरिया की कालाबाजारी बंद करो', 'गन्ना मूल्य भुगतान करो', 'बुनकरों को पैकेज दो', 'नौजवानों को रोजगार दो' जैसे स्लोगन लिखे हैं।
मानसून सत्र के तीसरे दिन शनिवार को विधानसभा के साथ विधान परिषद की कार्यवाही भी चलेगी। इस दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। सत्तापक्ष का आज विधानसभा में भी विधेयक को पास कराने पर जोर रहेगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा, "विधानसभा में हमने शुक्रवार को बताया था कि हमने पूरी कार्यसूची शनिवार के लिए हस्तांतरित कर दी है। विधान भवन में हम सोमवार के काम भी शनिवार यानी आज पूरा करने की कोशिश करेंगे। हमारी पूरी कोशिश होगी की अध्यादेशों और कुछ विधेयकों को पारित करने की कार्यसूची पूरी कर लें।"