लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा के जेवर में एशिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने के लिये ‘यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी का गठन कर दिया है। इसके गठन के साथ ही हवाईअड्डे के निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने ट्वीट के जरिये इसकी जानकारी दी है। इसके बाद सरकारी प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चीन को पछाड़कर जेवर में एशिया का दूसरा सबसे बड़ा हवाईअड्डा बनाने जा रही है। इस हवाईअड्डे के बनने से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। रोजगार और व्यापार तो बढ़ेगा ही, साथ ही निवेशक भी उत्तर प्रदेश की ओर रूख करेंगे।
बयान में कहा गया है जेवर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही औद्योगिक विकास को नए मुकाम पर पहुंचाएगा। 30 हजार करोड़ रुपए के निवेश से बन रही इस परियोजना से सरकार को एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की आय होने का अनुमान है। साथ ही एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस एयरपोर्ट से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में करीब एक लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा। जेवर एयरपोर्ट के लिए 29 नवंबर 2019 को वित्तीय बोली खोली गई थी। इसमें ज़्यूरिख़ एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने 400.97 रुपए प्रति यात्री राजस्व भुगतान की दर पर हवाईअड्डे के लिये ठेका हासिल किया।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बनने वाला यह हवाईअड्डा दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा। ग्रेटर नोएडा के जेवर में करीब 5000 हेक्टेयर में प्रस्तावित इस एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है। प्रस्ताव के अनुसार 2022-23 में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानों का परिचालन शुरू हो जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट को बनाने के लिए पिछली सरकारों के पास दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी रही, जिससे देश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट पिछले 20 वर्षों से अधर में लटका पड़ा रहा। वर्ष 2017 में प्रदेश मं महज 4 हवाईअड्डे थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे। योगी सरकार ने हवाई संपर्क मार्गों को बढ़ाते हुए वर्तमान में 6 हवाईअड्डे क्रियाशील किये गये। इन हवाईअड्डों से कुल 55 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं।