उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में किस तरह से यूपी पुलिस धर्म, जाति-पात को दरकिनार करके लोगों को इंसाफ दिला रही है और रिश्वत खोर पुलिस कर्मियों पर एक्शन ले रही है, उसका ताजा मामला यूपी के बुलन्दशहर जिले से सामने आया है। बुलन्दशहर जिले के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने एक मुस्लिम शख्स से रिश्वत लेने के आरोप में एसएचओ रमाकांत को सस्पेंड कर दिया है। बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह को पिछले कुछ दिनों से जानकारी मिल रही थी कि थाना जहांगीराबाद के एसएचओ रमाकांत पैसे लेकर मामलों को रफा-दफा कर रहे हैं तो कभी बेकसूर लोगों को भी फंसाने की धमकी के नाम पर पैसे ऐंठ रहे हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उसने भुल्लन नाम के शख्स पर गोकशी का सामान ले जाने का आरोप मढ़कर उससे 15 हजार की रिश्वत वसूली। बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह को पता लगा कि भुल्लन नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति जिसके गांव जहांगीराबाद में कुछ समय पहले गौकशी के आरोप में दो लोग पकड़े गए थे और 2 फरार थे। उस मामले में शक के आधार पर थाना इंचार्ज ने भुल्लन को बुलाया और थाने में बैठा कर रखा, हालांकि इन्वेस्टिगेशन में उसका गौकशी से कोई लेना देना सामने नहीं आया, लिहाज उसे छोड़ दिया जाना चाहिए था लेकिन उससे 15000 रुपए रिश्वत के तौर पर पेट्रोल भरवाने के नाम पर ले लिए गए, इसकी जानकारी एसएसपी को लगी उन्होंने खुद अपनी टीम के साथ थाने और थाने के बगल में एसएचओ के आवास पर दरवाजे बाहर से बंद करके रेड की। रेड के दौरान पता लगा कि कचरा फेंकने के बहाने पीछे जंगल मे पैसे छिपा दिए।
कई और रिश्वत के मामले सामने आ सकते हैं
हालांकि जंगल से पैसे बरामद अब तक नहीं हुए है, लेकिन पुलिस का कहना है रिश्वत लेने के पुख्ता सबूत हैं, लिहाज़ा एसएचओ रमाकांत यादव को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की तफ्तीश जारी है। उम्मीद है कई और रिश्वत के मामले सामने आ सकते हैं। बुलन्दशहर के जहांगीराबाद थाने के एसएचओ रमाकांत यादव ने जिस मुस्लिम शख्स भुल्लन को गौकशी का सामान गाड़ी में इधर से उधर ले जाने के शक में हिरासत में लिया और थाने में जबरदस्ती बैठाकर रखा और केस में शामिल न होने के बावजूद 15000 रुपए लेकर छोड़ा। जिसके बाद एसएसपी ने कारवाही करते हुए रेड की और फिर एसएचओ को सस्पेंड किया।
जानिए भुल्लन ने क्या कहा
भुल्लन से इंडिया टीवी ने एक्सक्लूसिव बात की। भुल्लन का कहना है वो गाड़ी चलाता है, गाड़ी मैकेनिक के यहां थी, वहां एसएचओ आए और थाने ले गए, वहां पैसों की बात करने लगे कि जेल भेज देंगे। मैंने कहा पैसे नहीं हैं, मैंने कुछ गलत नहीं किया, चाहो तो जेल भेज दो। फिर अगले दिन गांव वाले आए और मुझे छुड़ाकर ले गए, मुझे नहीं पता कितने पैसे दिए। योगी राज में पुलिस बिना जात-पात, धर्म के आधार पर नहीं बल्कि कानून के हिसाब से काम कर रही है, जैसे एसएचओ को सस्पेंड किया और रेड की। इस पर कहना है कोई हिन्दू मुस्लिम नहीं बल्कि प्रदेश में कानून के हिसाब से काम हो रहा है। अगर पक्षपात होता तो मैं जेल में होता। सन्तुष्ट है सीनियर अफसर की कार्यवाही से जो एसएचओ को सस्पेंड किया और रेड की, जो गलत करेगा उसपर एक्शन होना चाहिए, चाहे मैं हूं या पुलिस वाले।