नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि योगी के संगठन 'हिंदू युवा वाहिनी' से जुड़ने की इच्छा रखने वालों की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस संगठन से जुड़ने के लिए हजारों लोग रोजाना अर्जी दे रहे हैं।
गोरखपुर मुख्यालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि हर दिन करीब 5000 से ज्यादा लोग इसका सदस्य बनने के लिए अर्जियां दे रहे हैं। इससे पहले एक महीने में 500 से 1000 अर्जियां ही मिल पाती थीं। इस हिन्दुत्ववादी संगठन को योगी आदित्यनाथ ने सन् 2002 में स्थापित किया था। पहले तक, हिन्दू युवा वाहिनी का सदस्य बनने के लिए कोई नियम या कानून नहीं थे, हालांकि अब इसका सदस्य बनने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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नए दिशा-निर्देश के मुताबिक पहले उम्मीदवार के बैकग्राउंड को चेक और वैरिफाई किया जाएगा कि क्या उसका किसी राजनीतिक पार्टी की ओर झुकाव तो नहीं, फिर उम्मीदवार को एक साल की जांच प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा।
संगठन के तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है, 'कई लोग संगठन से इसलिए जुड़ना चाहते हैं ताकि वो इसे बदनाम कर सकें। इसलिए उम्मीदवार के बैकग्राउंड के साथ उसकी गतिविधियों को भी जांच लिया जाए।'
सर्कुलर में यह भी कहा गया है, 'संगठन से जुड़ने के बाद नए सदस्य को कम से कम छह माह तक एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करना होगा, इसके बाद ही उसे कोई पद दिया जाएगा।'
यह सर्कुलर सभी जिला और मंडल इकाइयों को भेज दिया गया है और चेतावनी दी गई है कि किसी भी व्यक्ति को सदस्य बनाने से पहले पूरी सावधानी बरती जाए। इस संगठन में कोई भी महिला सदस्य नहीं है।
पहले सदस्य बनने के लिए आवेदक को 11 रुपए का शुल्क देना होता था, जिसकी रसीद तुरंत दे दी जाती थी। अब मेंबरशिप के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे।