लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से यूपी आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का नए सिरे से पुनर्वास करेगी। उन्हें खेती के लिए दो-दो एकड़ और घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन कानपुर देहात में दी जाएगी। घर बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से 1.20 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
बता दें कि वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से 65 बंगाली परिवार उत्तर प्रदेश से आए थे। इनको रोजगार देकर मदन कपास मिल हस्तिनापुर मेरठ में पुनर्वास किया गया था। यह मिल 8 अगस्त, 1984 को बंद हो गई थी जिसके बाद हिंदू बंगाली परिवारों के सामने रोज-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। हालांकि दो परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है ऐसे में 63 परिवार पिछले 30 साल से पुनर्वास का इंतजार कर रहे थे। सीएम ने इन्हें पुनर्वासित करने के लिए बुधवार को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इनके लिए कानपुर देहात में 300 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।
इस जमीन में भूमि सुधार व सिंचाई सुविधा मनरेगा से विकसित कराई जाएगी, जिससे इन्हें अच्छी सुविधाएं मिल सकें। इन परिवारों को खेती व मकान बनाने के लिए जमीन एक रुपये लीज रेंट पर 30 वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाएगी। यह पट्टा अधिकतम दो बार 30-30 वर्ष यानी कुल 90 वर्ष के लिए नवीनीकरण हो सकेगा।
अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह जल्द ही जमीन देखने जाएंगे और पुनर्वास संबंधी जानकारियां लेंगे। पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन के लिए व्यवस्था की गई थी।