लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में किसानों की खुशहाली को लेकर बेहद गंभीर हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अल्टीमेटम भी दे दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों के साथ धोखा करने वालों का परमानेंट ठिकाना भी तय कर लिया है। उन्होंने कहा है कि यूपी में किसानों के साथ धोखेबाजी करने वालों के लिए जेल ही परमानेंट ठिकाना है। योगी ने कहा है कि किसानों का हित संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई अधिकारी हो या कर्मचारी अथवा निजी संस्था, किसी को भी किसानों के हक के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।
लोकभवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रदेश में धान खरीद की सुचारू कार्यवाही में कुछ लोग रोड़ा अटकाना चाह रहे हैं, इनसे सख्ती के साथ निपटा जाए। मुख्यमंत्री योगी ने धान क्रय केंद्रों पर दलालों की गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत बताते हुए पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि किसानों को 72 घंटे में धान का मूल्य उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार के मामलों में कार्यवाही के सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए।
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कोविड के नए स्ट्रेन के दृष्टिगत अतिरिक्त सावधानी के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने विदेश से भारत आ रहे एक-एक व्यक्ति का परीक्षण और आवश्यक क्वारन्टीन की कार्यवाही तत्परता से करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड के नए स्ट्रेन की चेकिंग के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार यूपी की प्रयोगशालाएं लगभग तैयार हैं, अगर किसी अतिरिक्त उपकरण की आवश्यकता हो तो उसे भी पूरा कर लिया जाए। इसमें देरी की कोई गुंजाइश नहीं है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि, "अब तक ब्रिटेन से ढाई हजार लोग भारत आये हैं। इस संबंध में जनपदवार आगंतुकों की सूची तैयार कर जिलाधिकारियों को दी गई है। सभी का परीक्षण कराया जा रहा है। आवश्यकतानुसार उनके घरों पर आइसोलेशन की सूचना भी चस्पा की जाएगी।"
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योगी ने प्रदेश में जारी यूपी-नीट की प्रवेश प्रक्रिया की ताजा स्थिति की समीक्षा की। सीएम ने हॉस्टल फीस, मिसलेनियस शुल्क आदि के नाम पर मनमाना शुल्क निर्धारण करने की सूचनाओं का संज्ञान लेते हुए ऐसे कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि, अल्पसंख्यक संस्थान के नाम पर मनमानी फीस वसूलने वालों पर भी सख्ती की जाए।