लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से 25 लोगों की मौत की घटना से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों से बेहद नाराज हैं। मुख्यमंत्री ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। कमिश्नर और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। मुरादनगर की घटना से व्यथित और नाराज मुख्यमंत्री सोमवार को अधिकारियों पर जम कर बरसे। घटना को अफसरों की गंभीर लापरवाही करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है। ऐसे अपराध करने वाले अफसरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
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योगी ने कहा कि हर मंडलीय समीक्षा बैठकों में अफसरों को साफ तौर पर यह निर्देश दिया गया था कि जिलों में हो रहे 50 लाख से अधिक की लागत के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता की जांच टास्क फोर्स गठित कर हर हाल में करवा ली जाए। मुरादनगर की घटना अफसरों की लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में जहां भी निर्माण कार्य हो रहे हैं या हो चुके हैं, उनकी गुणवत्ता की जांच कर अधिकारी रिपोर्ट भेजें। एक भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी मिली तो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिले के आला अधिकारियों की होगी।
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मुरादनगर की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के अधिकारियों को सख्त लहजे में दो टूक संदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार अफसरों के लिए शासन में कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर गाजियाबाद के जिलाधिकारी और मेरठ की मंडलायुक्त समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच के संकेत भी दिए हैं।
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गौरतलब है कि गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार की दोपहर श्मशान घाट के प्रवेशद्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर 24 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। मामले में पुलिस ने ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। ठेकेदार अजय त्यागी समेत कुछ अन्य लोग फरार हैं।
आरोपियों पर आईपीसी धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 337 (किसी व्यक्ति को खतरा पहुंचाना), धारा 338 (व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली चोट), धारा 409 (धन का गबन, सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन) और धारा 427 (बुरी नीयत से कार्य) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।