लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए और एनआरसी को लेकर हुए प्रदर्शन और हिंसा पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने ऐलान किया है कि उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इस संबंध में उन्होंने अपर मुख्य सचिव (गृह) और डीजीपी को आदेश दिया है कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाए और एक-एक उपद्रवी की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त कर नुकसान की भरपाई करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है।’’
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल में नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली की जाएगी। इनकी संपत्तियों को नीलाम करके वसूली की जाएगी । उन्होंने साथ ही कहा कि उपद्रवियों से सख्ती से निपटेंगे और लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संभल और लखनऊ में हिंसा के दौरान लगभग एक दर्जन वाहनों में आग लगा दी गयी।
योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपक्ष भ्रम के हालात पैदा कर रहा है । नागरिकता कानून किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रोटी सेंकने वाले कांग्रेस, सपा और वामपंथी संगठनों ने आज पूरे देश को आगजनी की चपेट में झोंकने का प्रयास किया है। यह अस्वीकार्य है और उत्तर प्रदेश में इस तरह के तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो भी जिम्मेदार होगा, उसकी जवाबदेही भी तय करेंगे। हिंसा में लिप्त प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति को ज़ब्त करेंगे और उस ज़ब्त संपत्ति से सार्वजनिक संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई भी हम उपद्रवियों से करेंगे।
उन्होंने कहा, " सब चिह्नित चेहरे हैं। सब वीडियोग्राफी में आ चुके हैं। सीसीटीवी की फुटेज में आ चुके हैं। सबकी संपत्ति को ज़ब्त कर इनसे हम इसका बदला लेंगे और सख्ती से निपटने के लिए मैंने इस बारे में कहा है।’’ योगी ने कहा कि पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। बिना अनुमति के कोई भी प्रदर्शन नहीं हो सकता और प्रदर्शन के नाम पर हिंसा स्वीकार्य नहीं है। असामाजिक और अराजक गतिविधियों को कतई किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" (इनपुट-भाषा)