लखनऊ: तीनों कृषि कानून होने के फैसले पर के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों की आवाज सुनी है। बीजेपी लोगों की आवाज अनसुनी नहीं करती है। योगी ने कहा कि मोदी सरकार हर विवाद का फैसला बातचीत से करेगी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की जिसको लेकर किसान संगठन विरोध कर रहे थे। ये तीनों कानून चाहे जैसे भी रहे हों, लेकिन अगर कहीं से भी आवाज निकली है तो लोकतंत्र में हम उसे अनसुना नहीं कर सकते।
सीएम ने कहा, यह हमारी कमी थी कि हम लोगों ने सही चीज समय पर उन लोगों तक पहुंचाने में कोताही बरती होगी, लेकिन जब कहीं से आवाज उठी है तो उसकी भी सुनवाई होना और फिर आपसी समन्वय से और बातचीत से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे जो लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत होती है, और इसी ताकत का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन।
सीएम ने कहा, जो ऐतिहासिक कार्य किया है, मैं इस कदम के लिए उनके इस कदम का हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। शुरू से ही इस संबंध में एक बड़ा समुदाय ऐसा था जो इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के कानून महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद जब किसान संगठन इसके विरोध में आए थे तो सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने का प्रयास किया। यह हो सकता है कि हमारे स्तर पर कोई कमी रह गई हो कि हम लोग अपनी बात को उन लोगों को समझाने में विफल रहे, जिसके कारण उन्हें आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ना पड़ा था। लेकिन लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने और MSP को लेकर भी एक समिती के गठन करने के फैसले का स्वागत करते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में कहा कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून किसानों के भले के लिए लेकर आई थी लेकिन वो कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए और अब सरकार कृषि कानूनों को वापस ले रही है। मोदी ने खुले मन से कहा कि ये समय किसी को भी दोष देने का नहीं है। सरकार ने 3 कृषि कानून वापस ले लिए हैं और अब किसान साथी अपने-अपने घर लौटें। वहीं, सरकार के फैसले के बाद सिंघु बॉर्डर पर किसान जश्न मना रहे हैं और पीएम मोदी को धन्यवाद कह रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने जलेबी भी बांटी। अब सवाल ये है कि किसान कब दिल्ली के बॉर्डर से घर लौटेंगे इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी किसान बॉर्डर से नहीं लौटेंगे।