हाथरस: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। इस दौरान पीड़िता के पिता ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग की। सीएम ने पीड़िता के पिता को भरोसा दिलाया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और परिजनों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। हाथरस जिले में गत 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और गला दबाये जाने की घटना की शिकार हुई 19 वर्षीय दलित लड़की ने मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
पीड़िता के परिवार के सदस्य को नौकरी, 25 लाख का मुआवजा
योगी आदित्यनाथ सरकार ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही सरकार ने कहा है कि पीड़िता के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 'हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ-साथ घर और परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक पद पर नौकरी की घोषणा की गई है। फास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकदमें की सुनवाई और SIT की 3 सदस्यीय कमेटी द्वारा जांच को अनुमति दी गई है।'
पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी से की थी बात
इससे पहले बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और हाथरस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टवीट कर कहा 'आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।' हाथरस जिले में गत 14 सितंबर को कथित रूप से गैंगरेप और गला दबाए जाने की घटना की शिकार हुई 19 वर्षीय दलित लड़की ने मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यूपी सरकार ने जांच के लिए किया एसआईटी का गठन
हाथरस गैंगरेप मामले में मचे बावाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को जांच के लिए एक 3 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर दिया है। इसकी अध्यक्षता गृह सचिव भगवान स्वरूप करेंगे। डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम को इसका सदस्य बनाया गया है। एसआईटी एक सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।