लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि जब पर्व और त्योहार आते थे, जब कमाई करनी होती थी, जब आस्था का सम्मान करना होता था तब प्रदेश में कर्फ्यू लग जाता था, दंगे होते थे। पिछली सरकारों की फितरत दंगों में थी। वे दंगाइयों को आगे बढ़ाने का काम करते थे। 4.5 साल में UP में एक भी दंगा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि 2014 में नारा लगा था 'सबका साथ सबका विकास' उससे पहले जिन लोगों ने देश और राज्य में शासन किया था उनका नारा होता था "सबका साथ लेकिन उनके परिवार का विकास"। अपने परिवार के विकास के अलावा उन लोगों की समाज और राष्ट्र के प्रति कोई चिंता नहीं थी।
योगी ने कहा कि पहले सिर्फ 4 जिलों में बिजली मिलती थी। जैसा कि आपने सुना है कि कोयले का संकट है क्योंकि कोयला खदानों में बारिश का पानी भर गया है। लेकिन इसके बावजूद हम 22 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रहे हैं जो पहले 7 रुपये थी। हम नहीं चाहते कि आपका त्योहार प्रभावित हो।
योगी पर पलटवार खुद सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने किया। अखिलेश यादव ने कहा कि सुनने में आया है कि बीजेपी अपने 150 विधायकों के टिकट काटने जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ राज्य विधानसभा में 100 विधायक धरने पर बैठ गए। हमारे पास पहले से ही 50 विधायक हैं। तो गणना सरल है, हमने 300 सीटों को पार कर लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने कहा कि हम 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाएंगे। यूपी सरकार ने कहा कि वो एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाएगी लेकिन भारत भूख सूचकांक में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल से पीछे है। सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे यूपी में हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी सरकार गलत दिशा में काम कर रही है। अखिलेश यहीं नहीं रुके, उन्होंने जाति जनगणना को लेकर भी योगी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि सपा चाहती है कि जातिगत जनगणना हो। केंद्र में कांग्रेस सरकार के दौरान नेता जी, लालू यादव और दक्षिण भारत के प्रमुख नेताओं ने आचरण करने की मांग की लेकिन ऐसा नहीं हुआ।