लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति को बचाना है तो गाय, गंगा, तुलसी को बचाना होगा। यह बात उन्होंने रविवार को निरालानगर में विश्व हिंदू परिषद के गौ रक्षा विभाग की ओर से आयोजित गौ रक्षा अधिवेशन में कही। अधिवेशन में योगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति को बचाना है तो अपने प्रतीकों गाय, गंगा और तुलसी को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के साथ विकास की प्रक्रिया को नहीं जोड़ पाएंगे तो हम पिछड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा, "गौ-रक्षा एक पवित्र कार्य है। हम तो इसमें लगे हैं। गौ-रक्षा व गौ संवर्धन हमेशा से ही मुद्दा रहा है। उन्होंने कहा कि आज गाय की हालत किसी से छुपी नहीं है। सड़कों पर उनकी हालत किसी से छुपी नहीं है। यहां पर गौ-पालक गाय का दूध निकालकर गायों को सड़कों पर छोड़ देता हैं।" उन्होंने कहा कि कहा कि शास्त्रों में गौ-माता की उपयोगिता बताई गई है। सरकार आगे आ गई है, अब समाज को गौ-माता की देखभाल के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी में गौ-हत्या करने वालों की जगह अब जेल है।
योगी ने कहा कि पहली सरकार हमारी बनी जिसने बूचड़खानों को प्रतिबंधित किया। जो गो मांस बेचेगा उसका स्थान जेल में होगा। हमारी सरकार ने एन्टी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाकर गोचर भूमि से अवैध कब्जे हटवाए। 35 हजार हेक्टेयर भूमि खाली करवाई गई। उन्होंने कहा कि एक भी भूमाफियों को नहीं छोड़ा जाएगा।
योगी ने कहा कि सरकार हर जिले में गौशाला खोलेगी लेकिन उसका संचालन जनता को ही करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गौ के उत्पादों का जितना प्रचार प्रसार होना चाहिए था नहीं हुआ। हम सबकी समस्या को हरने वाली गाय को हम समस्या समझने लगे। अब हमें संरक्षण और संवर्धन के कार्यक्रमों का संकल्प लेना होगा। मुख्यमंत्री ने हर जिले में एक हजार गौ सेवकों को तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया और कहा कि हमें गाय के संरक्षण के लिए काम करना होगा।
यदि हर जिले में एक हजार गौ रक्षक तैयार होते हैं, तो पूरे प्रदेश में 75000 गौ रक्षक होंगे। आप इसे करेंगे तो आपके साथ जनता जुड़ेगी। आपकी ही ताकत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि गोरक्षा को गो संवर्धन और गो संरक्षण से जोड़ें। उन्होंने कहा कि गो रक्षा को जैविक खेती से जोड़ सकते हैं। आज तेजी से जैविक खेती की जरूरत है। हमारी सरकार हर प्रकार से जैविक खेती को बढ़ावा देगी। कार्यक्रम में उन्होंने गौ-रक्षा पुस्तिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय, राष्ट्रीय मंत्री खेमचंद्र शर्मा, राजेन्द्र सिंघल और संतराम गोयल मंच पर मौजूद रहे।