Tuesday, November 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. उत्तर प्रदेश
  4. सीएम योगी ने दिए यश भारती सम्मान की जांच का न‍िर्देश

सीएम योगी ने दिए यश भारती सम्मान की जांच का न‍िर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 विभागों का प्रजेंटेशन देखने के बाद संस्कृति विभाग को न‍िर्देश देते हुए कहा कि यश भारती पुरस्कार की गहनता से समीक्षा की जाए।

India TV News Desk
Published on: April 21, 2017 14:35 IST
yash bharti- India TV Hindi
yash bharti

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  8 विभागों का प्रजेंटेशन देखने के बाद संस्कृति विभाग को न‍िर्देश देते हुए कहा कि यश भारती पुरस्कार की गहनता से समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों के वितरण के दौरान उसकी गरिमा का भी ध्यान रखा जाना चाह‍िए। अपात्रों को अनावश्यक पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है। यह पुरस्कार की मुलायम सिंह यादव ने 1994 में शुरू किया था। इसमें यूपी से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को यह पुरस्कार दिया जाता है जिन्होंने कला, संस्कृति, साहित्य या खेलकूद के क्षेत्र में देश के लिए नाम कमाया हो। इस पुरस्कार में 11 लाख रुपये के अलावा ताउम्र 50 हजार रुपये की पेंशन भी मिलती है। (ये हैं भारत की महिला राजनेता जो अपने ग्लैमरस लुक के लिये भी हैं )

यह पुरस्कार अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रेखा भारद्वाज, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाज़ुद्दीन सिद्द़ीकी़, नसीरूद्दीन शाह, रविंद्र जैन, भुवनेश्वर कुमार जैसी हस्तियों को मिल चुका है।

मायावती ने इस पुरस्कार के वितरण पर रोक लगा दी थी, लेकिन 2012 में सत्ता में वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर से इस सम्मान को देना शुरु किया था। लेकिन इस सम्मान समारोह पर सवाल तब खड़े हो गए जब अखिलेश यादव ने इस सम्मान को गरीबों की आर्थिक मदद के लिए भी देना शुरु कर दिया। हद तो तब हो गयी जब मुख्यमंत्री के नए दफ्तर लोक भवन के सभागार में अखिलेश यादव ने पुरस्कार समारोह का संचालन करने वाली महिला को भी खुश होकर वहीं मंच से यश भारती पुरस्कार देने का ऐलान कर दिया।

यही नहीं समाजवादी पार्टी दफ्तर में काम करने वाले उन दो कर्मचारियों को पत्रकारिता की श्रेणी में यूपी का सबसे बड़ा पुरस्कार दे दिया गया, जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं है। अखिलेश के इस फैसले पर भी सवाल उठे।

योगी ने कहा है कि गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा नहीं गिरानी चाहिए। अगर जांच में पाया गया कि पुरस्कार पाने वाले इसके हक़दार नहीं थे तो सम्मान तो अब वापस नहीं हो सकता लेकिन उनको ताउम्र मिलने वाली 50 हज़ार रुपये महीना पेंशन बंद हो सकती है।

ये भी पढ़ें: कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए रिकॉर्ड आवेदन, जानिए कितना खर्च आता है इस यात्रा में

इस गांव में शादी से पहले संबंध बनाना है जरूरी, तभी होती है शादी!

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement