लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध गतिविधियों में लिप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित कर उनकी सूची उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा ‘हाल के दिनों में कुछ पुलिस अधिकारियों और कार्मिकों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।’
‘अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिसवालों की बर्खास्तगी की जाए’
योगी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा ‘प्रमाण के साथ ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची उपलब्ध कराएं। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी। अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की जाए। दागी छवि वाले लोगों को फील्ड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती न दी जाए।’ मुख्यमंत्री का यह आदेश गोरखपुर में पिछले सोमवार को पुलिस कर्मियों द्वारा एक कारोबारी की कथित रूप से बर्बरतापूर्ण तरीके से पिटाई किए जाने के कारण हुई मौत के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा सकता है। राज्य सरकार ने मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया है।
‘मामले को लेकर राज्य सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर’
गोरखपुर मामले में आरोपी रामगढ़ ताल थानाध्यक्ष समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस मामले को लेकर राज्य सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कानपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के परिवार वालों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की मदद देने का भी ऐलान किया है।