लखनऊ. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। यूपी सरकार द्वारा न सिर्फ मुख्तार के सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाही की गई है बल्कि उसकी अवैध संपत्ति पर भी अब प्रशासन की नजर है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से ट्वीट कर कहा गया, "उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है। यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक व अराजक जैसे शब्द नहीं हैं। मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है। जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी।"
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सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने आगे कहा, "माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है। अब तक इसकी ₹66 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है। ₹41 करोड़ की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है। इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी..."
ध्वस्त किये गये मुख्तार के दो अवैध निर्माण
आपको बता दें कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्राधिकारियों ने कुख्यात अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी के स्वामित्व वाले दो अवैध निर्माण राजधानी लखनऊ के डालीबाग क्षेत्र में बृहस्पतिवार सुबह ध्वस्त कर दिये। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेसीबी मशीनों से भवनों को गिराये जाते समय बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।पढ़ें- हिंदू देवी-देवताओं पर अश्लील टिप्पणी से भड़का अखाड़ा परिषद, कह दी ये बड़ी बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी की अवैध प्रॉपर्टी को आज यूपी पुलिस (ने) तोड़ दिया। तोड़-फोड़ का सारा खर्च योगी सरकार गैंगस्टर से ही लेगी।''
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उन्होंने कहा कि अपराधी या तो अपराध छोड़ दें या फिर ऐसे और कड़े फ़ैसले झेलने के लिए तैयार रहें । उधर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ध्वस्त किये गये दो टॉवर हैं, जो निष्क्रांत संपत्ति पर बने थे। विभाजन के समय जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी जो भूमि यहां थी, उसे निष्क्रांत श्रेणी में रखा गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि ध्वस्तीकरण में हुए खर्च को वसूला जाएगा और प्राथमिकी भी दर्ज होगी। साथ ही जिन अधिकारियों के समय यह अवैध निर्माण हुआ, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि उक्त निर्माण का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने स्वीकृत नहीं किया था। राज्य सरकार ने मऊ से बसपा के वर्तमान विधायक मुख्तार के निकट सहयोगियों की संपत्तियां हाल ही में विभिन्न जिलों में जब्त की हैं और गाजीपुर में मुख्तार के चार सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित किये हैं।