लखनऊ: उन्नाव में बलात्कार के आरोपी भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सेंगर सोमवार शाम मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्होंने इस बात से इंकार किया कि मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें इस कथित बलात्कार मामले में तलब किया है। बाद में सेंगर ने पत्रकारो से बातचीत में कहा कि उन्हें उनके विरोधियों की साजिश के तहत फंसाया जा रहा है और वह मांग करते है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस्तीफा देने के सवाल पर दिया यह जवाब
उनसे पूछा गया कि जिस तरह से इस मामले में उनका नाम आ रहा है, क्या वह इस मामले की जांच के लिए इस्तीफा देंगे। इस पर उन्होंने कहा,‘नाम किसी का आने पर क्या कोई इस्तीफा दे देता है? आप का नाम कहीं कोई ले ले तो क्या आप इस्तीफा दे दोगे। यह घटना पूरी तरह से गलत है। इस घटना के पीछे मंशा केवल पूरी तरह से मेरी बदनामी की है।मैं चाहता हूं कि इस मामले की पूरी तरह से जांच हो।' उनसे पूछा गया कि क्या वह इस मामले में किसी विपक्षी दल की राजनीतिक साजिश मानते है। इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं पिछले काफी समय से राजनीति में हूं मेरे खिलाफ कई बार साजिश की जा चुकी है, एक बार फिर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है लेकिन मैं किसी मामले से घबराने वाला नही हूं। मैं हर तरह की उच्च स्तरीय जांच को तैयार हूं।'
‘मुख्यमंत्री ने मुझे तलब नहीं किया है’
उनसे पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री ने उन्हें तलब किया है। इस पर उन्होंने कहा कि नहीं वह यूं ही मुख्यमंत्री कार्यालय आए हैं, उन्हें किसी ने तलब नही किया गया है। गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह की कोशिश करने वाली युवती के जेल में बंद पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है। पीड़ित पक्ष ने विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा। इस मामले में 4 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
युवती के पिता ने तोड़ा दम
पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भाजपा विधायक सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी 18 वर्षीय एक लड़की के पिता को रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं। इस पर उन्हें तुरंत जिला अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। मगर तड़के लगभग 3 बजे उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र करीब 50 वर्ष थी। मृतक के परिजन ने आरोपी भाजपा विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। उनका इल्जाम है कि मुकदमा वापस ना लेने पर गत 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारा पीटा था। पुलिस ने इसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय 5 अप्रैल को पीड़ित के खिलाफ ही शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया।