गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने रविवार को नवरात्र के अंतिम दिन पारंपरिक कन्या पूजन किया और इसे सतानत धर्म में मातृशक्ति का सम्मान करने वाली परंपरा का प्रतीक बताया। कन्या पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों की सुख-समद्धि की कामना की और कहा ''कन्या पूजन सनातन धर्म की मातृशक्ति का सम्मान करने की परंपरा का प्रतीक है। इससे बेटियों में सनातन धर्म की आस्था का पता चलता है।''
रविवार की सुबह योगी आदित्यनाथ ने एक वर्ष से 5 वर्ष तक की कन्याओं को आमंत्रित किया और उनके पैर धोने के बाद उनका पूजन किया तथा उन्हें प्रसाद खिलाया। कन्या पूजन के बाद बाद योगी ने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा स्थली पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया और फिर गौशाला में गायों को भोजन खिलाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्यौहार उत्साह और खुशी लाता है, लेकिन हमें कोरोना महामारी के कारण सावधान रहने और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है। योगी ने मास्क पहने और एक दूसरे से मेल जोल में सुरक्षित दूरी अपनाने पर जोर दिया।
नाथ संप्रदाय की परंपरा के अनुसार शाम को महंत योगी आदित्यनाथ भव्य 'शोभा यात्रा' (धार्मिक जुलूस) का नेतृत्व करेंगे। इसके पहले शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री ने महानिशा और महागौरी पूजा की थी। नवरात्र के पहले दिन गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में उन्होंने कलश स्थापित किया था।