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IIT-K की स्टडी में योगी के कोरोना कंट्रोल मॉडल की तारीफ

रिपोर्ट में प्रकाश डाला गया है कि राज्य सरकार ने लौटने वाले श्रमिकों के लिए मुफ्त बस सेवाओं और बीमारों के लिए एम्बुलेंस सेवाओं की व्यवस्था की है। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि मनरेगा का उपयोग रोजगार सृजन के लिए किया गया था और स्थानीय स्वशासी निकायों ने रोजगार कार्ड के लिए श्रमिक डेटाबेस का उपयोग किया था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 13, 2021 16:59 IST
Yogi Adityanath Coronavirus Control Model Praised by IIT Kanpur Study IIT-K की स्टडी में योगी के कोर- India TV Hindi
Image Source : PTI IIT-K की स्टडी में योगी के कोरोना कंट्रोल मॉडल की तारीफ

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार के कोरोना कंट्रोल मॉडल की IIT कानपुर द्वारा की गई एक स्टडी में तारीफ की गई है। राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक कार्यक्रम में जारी की गई इस स्टडी में कहा गया है कि सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में फैले कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए निरंतर, संगठित और समन्वित प्रयास किए गए। 

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल और उनकी टीम द्वारा की गई इस स्टडी में, 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों के रिवर्स माइग्रेशन के दौरान आर्थिक संकट के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालता है। इसके अलावा इस स्टडी में इन प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए योगी सरकार की तारीफ भी की गई है।

उत्तर प्रदेश के कोविड मॉडल में आजीविका सुनिश्चित करना, अर्थव्यवस्था को बनाए रखना, स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाना और प्रसार को रोकना शामिल था। स्टडी में कहा गया है कि यूपी के कड़े ऑडिट ने चरम संकट के दौरान प्रति दिन 30MT ऑक्सीजन की बचत की। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य था जिसने भारतीय वायुसेना की मदद से खाली 

ऑक्सीजन टैंकरों को एयरलिफ्ट किया, जिससे टर्न-अराउंड समय कम हो गया।

रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि राज्य सरकार ने लौटने वाले श्रमिकों के लिए मुफ्त बस सेवाओं और बीमारों के लिए एम्बुलेंस सेवाओं की व्यवस्था की है। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि मनरेगा का उपयोग रोजगार सृजन के लिए किया गया था और स्थानीय स्वशासी निकायों ने रोजगार कार्ड के लिए श्रमिक डेटाबेस का उपयोग किया था।

कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा, "बड़ी आबादी, संसाधनों की कमी और श्रमिकों के रिवर्स माइग्रेशन जैसी कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, यूपी सरकार का  महामारी को लेकर रिसपॉन्स विभिन्न राज्यों और यहां तक कि देशों के लिए एक 'मॉडल' के रूप में काम कर रही है।"

चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता के मामले में यूपी की प्रगति को रेखांकित करते हुए, सीएम ने कहा कि महामारी के बीच यूपी ने सही दिशा में काम करना जारी रखा। उन्होंने कहा, "2020 में एनआईवी पुणे में पहले बैच का कोविड-19 टेस्ट कराने से लेकर यूपी में 8 करोड़ टेस्ट करने का मील का पत्थर पार करने तक, राज्य हर तरह से आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है।"

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य भर में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में 500 ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यूपी देश में एकमात्र राज्य है जिसने एक ही दिन में 38 लाख से अधिक वैक्सीन खुराक दी है। कुल मिलाकर 11.5 करोड़ लोगों के पास वैक्सीन का सुरक्षा कवच है। संपूर्ण पात्र वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के लिए अभियान जारी है।

इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद नीति आयोग के सदस्य और केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर बनाई गई कोर टीम के मेंबर डॉ. वीके पॉल ने भी यूपी सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यूपी में प्रति दिन सामने आने वाले मरीजों की संख्या 70 हजार तक पहुंच सकती थी, जो रोकी गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों के कारण, 24 करोड़ लोगों की घनी आबादी वाले राज्य में प्रसार को नियंत्रित किया गया था। राज्य ने इस महामारी के दौरान मजबूत नेतृत्व, प्रभावी शासन और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है और उदाहरण के तौर पर नेतृत्व किया है।

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