Highlights
- इसमें जहां मौलवी मुस्लिम लड़कियों का निकाह पढ़वाते दिखे तो दूसरी तरफ हिंदू बेटियों का भी कन्यादान हो रहा था।
- सीएम योगी ने इस मौके पर कहा कि बीजेपी की सरकार बेटियों में कोई फर्क नहीं करती।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मौलनाओं ने 126 मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराया।
अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में आज बहुत बड़ा सामूहिक विवाह कार्यक्रम हुआ। एक ही पंडाल के नीचे हिंदू मुस्लिम लड़के लड़कियों का विवाह हुआ। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जहां मौलवी मुस्लिम लड़कियों का निकाह पढ़वाते दिखे तो दूसरी तरफ हिंदू बेटियों का भी कन्यादान हो रहा था। ये शादी का सरकारी कार्यक्रम था। योगी आदित्यनाथ की सरकार की तरफ से आयोजित प्रोग्राम था। खुद योगी भी इस समारोह में मौजूद रहे। सीएम योगी ने इस मौके पर कहा कि बीजेपी की सरकार बेटियों में कोई फर्क नहीं करती। बेटी हिंदू की हो या मुसलमान की, परिवार अगर समर्थ नहीं है तो फिर सरकार की जिम्मेदारी है कि वो उनकी शादी करवाए। योगी ने इस विवाह कार्यक्रम के बहाने विरोधियों पर वार भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मौलनाओं ने 126 मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराया। योगी सरकार ने आज अयोध्या में 3915 जोड़ो का सामूहिक विवाह कराया। सामूहिक विवाह में योगी सरकार की तरफ से शादी का पूरा खर्चा उठाया गया। बारातियों और घरातियों को खाना खिलाया गया, साथ में लड़की के घरवालों को 75-75 हज़ार रुपए दिए गए। 65 हज़ार रुपए लड़की के पिता के अकाउंट में और पांच हज़ार रुपए दुल्हन के जोड़े के लिए और पांच हज़ार रुपए दूल्हे के कपड़े के लिए।
आज के सामूहिक विवाह में अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर और बाराबंकी से जोड़े आए थे। शहनाज़बानो सुल्तानपुर की रहने वाली है। पिता मज़दूरी करते है। लड़की की शादी के लिए पैसा नहीं था। अब मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद दे रहे है। जेबुनिस्सा और जफरूनिसा बहने हैं और सुल्तानपुर की रहने वाली हैं। घर में नौ लोगों का परिवार है। पिता खेतों में मज़दूरी करते हैं। मां बाप ग़रीबी की वजह से शादी नहीं करवा पा रहे थे अब सरकार ने दोनो बेटियों के हाथ पीले करा दिए।
अयोध्या में हुए इस वैवाहिक समारोह में 5 ज़िलों के लोग शामिल हुए जहां 25 विधानसभा सीट है और 18 फीसदी से ज़्यादा मुस्लिम वोट है। अयोध्या में 5 विधानसभा सीट 10 फीसदी मुस्लिम वोट, अम्बेडकरनगर में 5 सीट 17 फीसदी मुस्लिम वोट, अमेठी में 4 सीट करीब 17 फीसदी मुस्लिम वोट, सुल्तानपुर में 5 सीट 18 फीसदी मुस्लिम वोट और बाराबंकी में 6 विधानसभा सीट 26 फीसदी मुस्लिम वोट हैं।
इसके पहले योगी सरकार प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, कानपुर, आगरा, बरेली और मुरादाबाद में सामूहिक विवाह में करीब एक लाख सामूहिक विवाह करा चुकी है जिसमे करीब 5 हज़ार मुस्लिम जोड़ों का भी निकाह कराया गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी तादाद में मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया था और बीजेपी यूपी की कई ऐसी विधानसभा सीट जीत गई थी जहां 50 फीसदी से ज़्यादा मुस्लिम वोट था।
मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के कानून से खुश थीं तो 2017 के विधानसभा चुनाव में उज्ज्वला योजना ने मुस्लिम महिलाओं का वोट बीजेपी को दिलाया था। अब कहा जा रहा है कि गरीब लड़कियों का निकाह एक बार फिर मुस्लिम महिलाओं के वोट योगी को दिलाएंगे।