मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान को दलित बताये जाने के एक सप्ताह बाद अनुसूचित जाती के लोगों के एक समूह ने मंगलवार को यहां एक हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि उसने दलित क्रांति दल के अध्यक्ष दीपक गंभीर की अगुवाई में पहुंचे समूह को वहां से हटा दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि उन्होंने मंदिर के सामने एक बैनर भी लगा दिया जिस पर ‘दलित हनुमान मंदिर, हनुमान चौक, मुजफ्फरनगर’ लिखा है। पिछले सप्ताह मंगलवार को राजस्थान के अलवर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुये आदित्यनाथ ने कहा था कि, ‘‘भगवान हनुमान एक वनवासी, वंचित और दलित थे। बजरंग बली ने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक सभी भारतीय समुदायों को जोड़ने का काम किया था।’’
रविवार को भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने समुदाय के लोगों से देश में सभी हनुमान मंदिरों पर कब्जा करने और वहां पुजारी के तौर पर अनुसूचित जाती के लोगों को नियुक्त करने का अनुरोध किया था। मंगलवार को बहराईच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हूये दावा किया था कि हनुमान ‘एक दलित थे और ‘मनुवादियों’ के दास थे।’