लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब मनचलों की खैर नहीं होगी। दरअसल महिला सुरक्षा के लिए अब राजधानी में लखनऊ पुलिस की पेट्रोलिंग पहले से ज्यादा दिखाई देगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को 100 पिंक टू-व्हिलर और 10 चार व्हिलर गाड़ियों को 'पिंक पेट्रोल' के लिए सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत झंडी दिखाई। इस कैंपेन के तहत राज्यपाल ने पुलिस और अन्य विभागों को सार्वजिनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा बढ़ाने के लिए वाहन उपलब्ध करवाए।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में आनंदीबेन पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का 'पिंक पेट्रोल' कैंपेन 180 दिनों तक चलेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। यह किसी एक विभाग या एक अफसर की जिम्मेदारी नहीं है। महिलाओं के खिलाफ ज्यादती के हर मामले को समय से सुलझाना चाहिए। हमें शपथ लेनी चाहिए कि महिलाओं के खिलाफ केस का एक भी मामला न हो। आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने लखनऊ में सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 194.44 करोड़ रुपये अप्रूव किए हैं। यह राशि निर्भया फंड स्कीम के जरिए दी गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में खर्च करते हैं।
नोएडा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति अभियान का आगाज
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए विशेष मिशन शक्ति अभियान 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक प्रथम चरण में प्रारंभ किया गया है। गौतमबुद्धनगर जिले में आज इस अभियान के लिए डीएम कैंप ऑफिस नोएडा से एक एलईडी वैन एवं प्रचार वाहन को नोएडा विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं शासन से नामित इस कार्यक्रम की नोडल अधिकारी रितु महेश्वरी तथा जिलाधिकारी सुहास एल वाई के द्वारा संयुक्त रुप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। संबंधित प्रचार वाहनों के द्वारा जिले में महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी रितु महेश्वरी ने बताया कि, "सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं उनको स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मिशन शक्ति अभियान संचालित किया गया है। इसकी सफलता में मीडिया की भी अहम भूमिका है। वहीं मिशन शक्ति अभियान प्रथम चरण में 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक जिले में संचालित किया जाएगा और इस महत्वाकांक्षी अभियान के माध्यम से महिलाओं, बालिकाओं एवं पुरुषों की भी अहम भूमिका दर्ज कराते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि महिलाओं की सुरक्षा सम्मान एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।"