नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक झकझोर देने वाली खबर आई है जहां दिव्यांग पति का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पत्नी को पति को पीठ पर उठाकर कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने पड़े। मथुरा कलेक्ट्रेट पर दिव्यांग पति को पीठ पर उठाकर ले जाती महिला का नाम है विमला। विमला को अपने पति का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कलेक्ट्रेट स्थित सीएमओ ऑफिस का चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ा।
विमला जब अपने पति को लेकर सीएमओ ऑफिस पहुंची, तो उन्हें पति का फोटो खिंचवाने के लिए कहा गया। विमला की परेशानी ये थी कि उसके पास अपने दिव्यांग पति को ले जाने के लिए कोई साधन नहीं था लेकिन विमला ने हिम्मत नहीं हारी और अपने दिव्यांग पति को अपनी पीठ पर उठाकर फोटो खिंचवाने निकल पड़ी। विमला की इस हिम्मत को कलेक्ट्रेट में मौजूद लोग देख तो रहे थे लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।
विमला के पति ट्रक ड्राइवर थे लेकिन कुछ महीने पहले उनके पैर की नस खराब हो गयी जिसकी वजह से डॉक्टरों को उनका एक पैर काटना पड़ा। विमला को अपने दिव्यांग पति के लिए सर्टिफिकेट की जरूरत थी और सर्टिफिकेट बनवाने के लिए ही वो कलेक्ट्रेट पहुँची थी।
इस बारे में जब जनपद के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि इस तरह की तस्वीर सभ्य समाज के लिए दुःखद है। हकीकत ये है कि ये तस्वीर आज के सभ्य समाज के लिए एक बदनुमा दाग है। न जाने कितने विमला जैसे पीड़ित हैं जो सभ्य समाज और प्रशासन की अनदेखी का शिकार है।