कानपुर: शहर के अशोकनगर में रहने वाली एक मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया है कि सरकारी श्रम विभाग में काम करने वाले उसके पति ने शादी के तीन माह बाद उसे रजिस्टर्ड खत से एक पत्र लिखकर तीन तलाक दे दिया है। महिला का यह भी कहना है कि इस पत्र में पहला तलाक उसी दिन का दिखाया जिस दिन नवंबर 2016 में उसकी शादी हुई थी। महिला ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और श्रम विभाग के अधिकारियों से न्याय मांगा है। महिला का यह भी आरोप है कि उसके पति बिजनौर जिले के श्रम विभाग में सरकारी नौकर है और उसकी पहली पत्नी थी उसके बाद उसने दूसरा निकाह किया और दहेज में फारचुनर कार की मांग की।
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शहर के अशोकनगर में एक कंप्यूटर सेंटर चलाने वाली महिला आलिया सिददीकी ने आज पत्रकारों को बताया कि उसकी शादी कन्नौज जिले के छिबरामउ में रहने वाले नासिर से 23 नवंबर 2016 को हुई थी। उसने दावा किया कि शादी में उसे दहेज में स्विफट कार और करीब 25 लाख रूपये के गहने और बाकी सामान मिला था। आलिया का आरोप है कि शादी की रात ही उसके सारे गहने और जेवर उसकी सास ने उससे ले लिये थे। आलिया का आरोप है कि 24 को जब वह अपनी ससुराल कन्नौज पहुंची तो उसे पता चला कि उसका पति पहले से शादी शुदा है। जिसका आलिया ने विरोध किया तो उसके पति और ससुराल वालो ने उसे पीटा और उसे ससुराल से निकाल दिया गया।
आलिया का आरोप है कि उसके पति और ससुराल वालों ने उससे फारचूनर कार लेकर आने को कहा। आलिया ने बताया कि वह कानपुर अपनी मां के घर आ गयी । तीस जनवरी 2017 को उसके पति नासिर ने उसे रजिस्टर्ड डाक से तीन तलाक का पत्र भेजा जिसमें पहली तलाक की तारीख शादी वाले दिन 23 नवंबर लिखी है। आलिया कहती है उस दिन तो हमारी शादी थी फिर उस दिन तलाक कैसे हो गया। आलिया ने इस बाबत मुख्यमंत्री, राज्यपाल तथा श्रम विभाग को कई पत्र लिखे है और इंसाफ की गुहार लगायी है।