मथुरा: सुलभ इण्टरनेशनल ने वृन्दावन के प्राचीन ठा. गोपीनाथ मंदिर में आज केदारनाथ त्रासदी पीड़ित विनीता का एक बार फिर विधिवत विवाह कराया। इस मौके पर उसे बधाई देने के लिए वृन्दावन, वाराणसी व उत्तराखण्ड की कुल 500 विधवा महिलाएं उसके विवाह की हर रस्म पूरी करने के लिए उपस्थित थीं, जबकि दूल्हा-दुल्हन के परिजन उनके बच्चों का मिलन इस प्रकार होते देख बेहद अभिभूत नजर आ रहे थे।
संस्था के मीडिया सलाहकार मदन झा के अनुसार, दरअसल, यह सब तब संभव हुआ, जब सुलभ के संस्थापक डा. बिन्देर पाठक को विनीता के गांव में विधवा हुईं 60 विधवा महिलाओं की आर्थिक एवं सामाजिक सहायता कार्यक्रम के दौरान ज्ञात हुआ कि एक विधवा युवती विनीता (24) को एक युवक राकेश ने अपनाने के लिए उसके साथ कोर्ट मैरिज कर ली।
उन्होंने बताया, इसके बाद दोनों के परिवारों ने भी अपना लिया। यह वर्ष 2014 की बात है। उन दोनों के एक बेटा व एक बेटी भी है, लेकिन उनका समाज पुरानी मान्यताओं के आधार पर इस सत्य को अभी भी स्वीकार नहीं कर पा रहा था। तब डा. पाठक ने उक्त युवती विनीता एवं युवक राकेश को सामाजिक आधार दिलाने के लिए यह निर्णय किया।
झा ने बताया, इस स्थिति में दीवाली के अवसर पर वृन्दावन में पिछले छह वर्ष से आयोजित होते आ रहे दीपावली उत्सव कार्यक्रम के साथ ही विवाह कार्यक्रम तय किया और आज दोनों परिवारों एवं बच्चों की उपस्थिति के बीच विनीता-राकेश का एक बार फिर विवाह संपन्न हुआ। उन्होंने बताया, कार चालक राकेश को आर्थिक रूप से भी समर्थ बनाने के लिए सुलभ ने उसे एक कार व नकद दो लाख रुपए की सहायता प्रदान की है। उम्मीद है कि चार से पांच हजार रुपए कमाने वाला राकेश अब अपनी कार से 15 हजार रुपए तक कमा लेगा।
डा. पाठक ने भी उम्मीद जताई है कि उनकी इस छोटी से पहल से न केवल एक जोड़े की जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आ जाएगी, वरन उत्तराखण्ड त्रासदी अथवा अन्य अनेक दुर्घटनाओं में छिन्न-भिन्न हो चुके परिवारों को पुन: जोड़ने में समाज भी अपनी सार्थक भूमिका निभाने के लिए आगे अवश्य आएगा।