अयोध्या. राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम वाले दिन रामलला को हरे रंग के ही वस्त्र क्यों पहनाए जाएंगे, इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसको भी पीएम मोदी से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि ये विषय पीएमओ, सीएमओ या ट्रस्ट से संबंधित नहीं है। परंपरा के अनुसार, पुजारी हर दिन रामलला को किस रंग के कपड़े पहनाए जाएंगे इसका निर्धारण करते हैं। ये पहले से तय है, वो इसमें कोई परिवर्तन नहीं करते।
इसके बाद उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि चारों तरफ जो आपको पेड़ दिखाई दे रहे हैं, वो क्या इस्लाम दिख रहा है? ये हिंदुस्तान की समृद्धि का प्रतीक है। ये प्रकृति का रंग है। समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ये बेहूदी बातें हैं। ऐसी बाते बुद्धि की विकलांगता का प्रतीक है। जिसका जन्म हिंदुस्तान की मिट्टी में हुआ है, ऐसे लोगों को ऐसी बातों को नहीं बढ़ाना चाहिए।
संस्था की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पूरा भारत जानता है कि देव विग्रह के वस्त्रों का निर्धारण प्रत्येक दिन के स्वामी ग्रह और उससे संबंधित रंग के आधार पर किया जा है। यह बात सर्वज्ञात है कि बुध ग्रह का संबंध हरे रंग से है और इस परंपरा का पालन जबसे रामलला विराजमान वहां बैठे हैं तब से किया जा रहा है। इस पर टिप्पणी करना किसी अन्य प्रकार के पूर्वाग्रह का द्योतक है।