नई दिल्ली. अयोध्या में वैकल्पिक भूमि पर बनाई जा रही मस्जिद के निर्माण में दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर की तकनीकी मदद ली जाएगी। प्रोफेसर एस एम अख्तर अयोध्या में बनाई जा रही इस मुख्य मस्जिद और अन्य भवनों का डिजाइन तैयार करेंगे। अयोध्या के सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को यह जमीन दी गई है।
मंगलवार को जामिया ने कहा, "प्रोफेसर एस एम अख्तर जामिया मिलिया इस्लामिया में आर्किटेक्चर विभाग के डीन हैं। वो अयोध्या में वैकल्पिक भूमि पर मस्जिद का डिजाइन तैयार करेंगे। यह भूमि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उपलब्ध कराई गई है। यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अयोध्या में इस मस्जिद का निर्माण करवाया जाएगा।"
अयोध्या की मस्जिद के ट्रस्ट, इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन का बैंक अकाउंट शनिवार को खोला गया है। ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक दो बैंक अकाउंट खोले गए हैं, जिसमें से एक में मस्जिद के लिए आर्थिक सहयोग राशि जमा की जाएगी, जबकि दूसरे में हॉस्पिटल, कल्चरल सेंटर और किचन के लिए धनराशि जमा करने की व्यवस्था रहेगी।
आईआईसीएफ के सचिव ने बताया कि जल्द ही मस्जिद ट्रस्ट का पोर्टल भी लॉन्च कर दिया जाएगा, जो लगभग तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक सहयोग की राशि के आधार पर मस्जिद परिसर में निर्माण शुरू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि बैंक अकाउंट नंबरों व इनके आईएफएससी कोड को सार्वजनिक कर दिया गया है।
5 एकड़ की इस जमीन पर एक बड़ा अस्पताल बनाने की योजना है। यहां केवल 1,400 वर्गमीटर क्षेत्र पर मस्जिद बनेगी। सबसे बड़ा प्रॉजेक्ट अस्पताल का रहेगा। इसके अलावा कल्चरल रिसर्च सेंटर व कम्युनिटी किचन भी बनाए जाएंगे। इंडो इस्लामिक कल्चर के अन्तर्गत रहीम, रसखान, कबीर जैसी हस्तियों पर शोध के लिए कल्चरल सेंटर बनेगा। इसमें शोध स्कालरों के लिए रहने और रिसर्च के लिए लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी। यह सेंटर यूजीसी के मानक पर बनेगा।