लखनऊ: अक्सर कहा जाता है कि नाम में क्या रखा है? लेकिन, अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बात करें, जिन्हें उनके शिष्य और अनुयायी 'महाराज-जी' के नाम से बुलाते हैं, तो यह बात बेहद मायने रखती है क्योंकि 19 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से लेकर अब तक तीन बार उनका नाम बदला जा चुका है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायरब्रांड नेता ने जिस दिन उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उस दिन उनकी नेमप्लेट पर उनका नाम 'आदित्यनाथ योगी' लिखा गया था।
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गोरखपुर के सांसद आदित्यनाथ ने हजारों लोगों की मौजूदगी में शपथग्रहण के दौरान अपना यही नाम लिया था। इसके हिसाब से तय हुआ कि उनका नाम आदित्यनाथ योगी है। जिन लोगों के सामने उन्होंने इस नाम के साथ शपथ ली थी, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हैं।
इसके कुछ दिनों बाद जब गोरखपुर से विशेष रूप से बुलाए गए पुजारियों द्वारा मुख्यमंत्री आवास का 'शुद्धिकरण' किया गया, तब नेम प्लेट पर उनका नाम बदलकर 'आदित्य नाथ योगी' कर दिया गया। अधिकारियों को इस बात का आश्चर्य हुआ कि आखिर नाम में बदलाव क्यों किया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी होने वाली सभी विज्ञप्तियों में इसी नाम का इस्तेमाल किया गया।
लेकिन अब, तीसरी बार फिर उनका नाम बदल गया है। यह अब योगी आदित्यनाथ कर दिया गया है, जिस नाम का इस्तेमाल वह पहले करते थे, खासकर मीडिया में।
चकित अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि नाम में बदलाव का कारण क्या है, जबकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि 'मुख्यमंत्री का यह नाम नया तथा अंतिम है।'
मंत्रालय के विभागों के बंटवारे को लेकर नए मुख्यमंत्री को भेजी गई एक विज्ञप्ति में राजभवन ने भी मुख्यमंत्री का नाम योगी आदित्यनाथ लिखा है।