नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी मर्डर केस में हर रोज नया सच सामने आ रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विवेक को ऊपर से गोली मारी गई। आखिर उस रात का सच क्या है इसे समझने के लिए इंडिया टीवी ने मर्डर केस की इकलौती चश्मदीद सना से बात की। सना ने बताया कि सड़क पर आखिरी एक घंटे में क्या हुआ।
सना ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में बताया कि वारदात के बाद पुलिसकर्मियों ने उस पर काफी मानसिक दबाव बनाया। उन्हें शक है कि तहरीर बोलकर लिखवाने वाली महिला कोई और नहीं, आरोपी सिपाही प्रशांत की पत्नी ही थी। तहरीर लिखवाने के दौरान महिला पुलिसकर्मी ने उसके हर बयान पर सवाल किए और उसकी बात काटने की कोशिश की।
सना ने बताया कि विवेक तिवारी की गाड़ी उतनी डैमेज नहीं थी जितनी थाने के अंदर दिखाई गई है। वारदात के वक्त जब उनकी गाड़ी लड़ी थी तब ज्यादा डैमेज नहीं थी। जब रोकने के लिए बोले तब थोड़ी धीमी चल रही थी। सीसीटीवी फुटेज में भी गाड़ी नार्मल स्पीड में चलती दिख रही है, उसी दौरान उन्होंने गोली चलाई थी।
सना ने बताया कि टक्कर के बाद पता चला कि गोली लग गई है। वो मदद के लिए उतरी तो कोई मिला नहीं। एक दो ट्रक खड़े थे। दस पंद्रह मिनट बाद पुलिस आई फिर लोहिया एंबुलेंस के लिए काल किया गया। उनकी सांसे चल रही थी। लोहिया लेकर आए तो पूछताछ होने लगी और जब उसने डॉक्टर से पूछा तो कहा गया कि पीजीआई रेफर कर दिया गया है।
सना ने बताया कि पुलिसवालों ने उसका और विवेक तिवारी का फोन ले लिया था जिसकी वजह से वो किसी को कॉल नहीं कर पाई। उसने बताया कि आरोपी सिपाही से गाड़ी टच भी नहीं हुई थी। गाड़ी जब टच नहीं हुई तो सेल्फ डिफेंस में गोली चलाने का सवाल ही नहीं था।