कानपुर. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की उत्तर प्रदेश पुलिस को तलाश है। यूपी पुलिस ये भी जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर किसने विकास को घटना वाली रात जानकारी दी कि पुलिस उसके गांव में दबिश देने आ रही है। सस्पेंड किए गए चौबेपुर थाने के दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि विकास दुबे ने घटना के पहले 2 तारीख की को शाम को चार बजे चौबेपुर थाने में फोन करके धमकी दी थी कि अगर पुलिस गांव में आई तो लाशें बिछा दी जाएंगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सस्पेंड किये गए दरोगा केके शर्मा ने पुलिस को बताया है कि इस फ़ोन की जानकारी थानेदार विनय तिवारी को दी थी। धमकी से डर कर केके शर्मा विकास के गांव दबिश डालने नहीं गया। चौबेपुर थाने के सस्पेंड किए गए दूसरे दरोगा कुंवर पाल और सिपाही राजीव भी विकास की धमकी से डर गए थे और दबिश डालने नहीं गए।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक सस्पेंड किये गए सिपाही ने भी रात 12 बजे के आसपास विकास को फोन किया था, फोन पर क्या बात हुई पुलिस अभी ये नहीं जान पाई है। विकास के गुर्गे दयाशंकर ने भी पुलिस को बताया है कि घटना की रात विकास के पास थाने से फोन आया था।
सस्पेंड किये गए पुलिस वालों की काल डिटेल्स से पुलिस को पता चला है कि चौबेपुर थाने के कई पुलिस वालों की विकास से बातचीत होती रहती थी। पुलिस का कहना है कि चौबेपुर थाने से ही विकास को जानकारी हुई थी कि राहुल तिवारी की तरफ से उसके खिलाफ fir दर्ज हो गई है। चौबेपुर थाने के करीब तीस पुलिसकर्मी शक के दायरे में हैं, जिनकी फोन कॉल्स डिटेल्स को खंगाला जा रहा है। शक के दायरे में डिप्टी एसपी से कांस्टेबिल तक हैं